स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न स्तरों (जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) पर लागू ये मानक सेवा प्रावधान, मरीज अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, नैदानिक देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। इसका लक्ष्य गुणवत्ता सुधार और मूल्यांकन के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करके पूरे देश में निरंतर, उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।
सरकार ने एक आदेश में कहा है कि समय सीमा का पालन न करने वाली सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को आयुष्मान भारत आरोग्य कर्नाटक (एबी-एआरके) योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहनों से वंचित कर दिया जाएगा।यदि छह महीने बाद भी मानकों को लागू नहीं किया जाता है, तो अस्पतालों के चिकित्सा, अर्ध चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट में एक टिप्पणी दर्ज की जाएगी और उनके स्थानांतरण की कार्रवाई की जाएगी।
यदि नौ महीने बाद भी कोई प्रगति नहीं होती है, तो ऐसे स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत सभी मुख्य चिकित्सा, अर्ध चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी।