दरअसल, एनएमसी ने हाल ही में मूल्यांकनकर्ता के रूप में कार्यरत एक वरिष्ठ चिकित्सक को ब्लैकलिस्ट किया था। चिकित्सक पर कथित तौर पर जेएनएमसी को सकारात्मक मूल्यांकन रिपोर्ट देने के बदले में 10 लाख की रिश्वत ली थी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना के बाद, एनएमसी ने वर्ष 2025-26 के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में जेएनएमसी की मौजूदा सीटों का नवीनीकरण नहीं किया। एनएमसी ने जेएनएमसी में यूजी और पीजी दोनों में सीटों की वृद्धि और नए पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्णय को भी रद्द कर दिया है।
केईए 9263 सीटें आवंटित करेगा इस वर्ष उपलब्ध 12,194 मेडिकल सीटों में अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) की 572 सीटें, मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) के डीम्ड कोटे की 2,224 सीटें, सरकारी कोटे की 5,275 सीटें, निजी कोटे की 2,819 सीटें और एनआरआई कोटे की 876 सीटें शामिल हैं। कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) काउंसलिंग के माध्यम से 9,263 सीटें आवंटित करेगा। पिछले वर्ष, केईए नेे 9,282 सीटें आवंटित की थीं।
3315 डेंटल सीटें इस वर्ष, राज्य भर के 44 डेंटल कॉलेजों में 3,315 डेंटल सीटें उपलब्ध हैं। इनमें से 668 एआईक्यू, 911 सरकारी कोटे में, 1,210 निजी कोटे में और 377 एनआरआई कोटे में अन्य श्रेणियों के अलावा हैं। ये सभी सीटें केईए के माध्यम से आवंटित की जाएंगी।