उन्होंने कहा, भाजपा के लिए माहौल बहुत अनुकूल है और मुझे शत-प्रतिशत यकीन है कि हम आने वाले दिनों में कर्नाटक में सत्ता में वापसी करेंगे। हम सब मिलकर इस दिशा में ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। येडियूरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा, कोई सुझाव देने का सवाल ही नहीं उठता है, सबको हर हाल में मिलकर काम करना होगा।
कर्नाटक भाजपा में गुटबाजी खुलकर सामने आ चुकी है क्योंकि विजयपुर के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और गोकाक के विधायक रमेश जारकीहोली के नेतृत्व में पार्टी का एक धड़ा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है।
यतनाल और जारकीहोली ने विजयेंद्र की खुलेआम आलोचना करते हुए उन पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ सुविधा की राजनीति करने का आरोप लगाया है। दोनों नेताओं ने विजयेंद्र और उनके पिता येडियूरप्पा पर पार्टी को अपने चंगुल में रखने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है। हालांकि, येडियूरप्पा ने यतनाल से जुड़े सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
विकास की कमी और गारंटी योजनाओं के क्रियान्वयन पर चिंता जताते हुए कांग्रेस सरकार को दिए गए सुझावों के बारे में पूछे गए सवाल पर येडियूरप्पा ने कहा, इन गारंटियों का कोई मतलब नहीं है। लोगों को खुश करने के लिए इनकी घोषणा की गई थी, लेकिन इन्हें ठीक से लागू नहीं किया गया। यह (सरकार) एक तरह से तुगलक दरबार है। देखते हैं कि वे कब तक इस तरह से सरकार चलाएंगे।
येडियूरप्पा के मुख्यमंत्री कार्यकाल की तुलना में मौजूदा सरकार के बजट में उत्तर कर्नाटक के साथ अन्याय होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह एक तथ्य है, जो सभी को पता है।