यह पहल भारत सरकार की ‘नेशनल व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी’ के अंतर्गत शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य पुरानी गाड़ियों को हटाकर सड़कों पर सुरक्षित, ईंधन-कुशल और पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देना है। बाराबंकी की इस यूनिट के साथ ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी एक नई स्क्रैपिंग यूनिट का उद्घाटन किया गया है, जिसकी वार्षिक स्क्रैपिंग क्षमता 25,000 वाहनों की है।
पूरी तरह सुसज्जित आधुनिक सुविधा
बाराबंकी की यह स्क्रैपिंग यूनिट दोपहिया, तिपहिया, यात्री और वाणिज्यिक सभी प्रकार के वाहनों को नष्ट करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। यह यूनिट पूरी तरह स्वचालित प्रक्रिया का पालन करती है, जिसमें वाहनों की डी-पॉलीशनिंग (जैसे ईंधन, तेल, बैटरी और अन्य हानिकारक तत्वों को सुरक्षित रूप से हटाना), विखंडन (डिस्मैंटलिंग), धातु पृथक्करण और पुनर्चक्रण शामिल हैं। वाहनों के स्क्रैपिंग के बाद निकले स्टील, एल्यूमिनियम, प्लास्टिक और अन्य पुर्जों को रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया से न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि औद्योगिक क्षेत्र को भी सस्ता और टिकाऊ कच्चा माल मिलेगा। सरकार की नीति और नागरिकों को प्रोत्साहन
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि सरकार नागरिकों को पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए आकर्षक प्रोत्साहन योजना लागू करने जा रही है। इसके तहत नई गाड़ी की खरीद पर कर छूट, पंजीकरण शुल्क में छूट और पुराने वाहन की स्क्रैपिंग के बदले में आर्थिक लाभ दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह नीति देश की आर्थिक प्रगति, पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा तीनों के लिए महत्वपूर्ण है।
रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बाराबंकी की यह सुविधा स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लाएगी। साथ ही, इससे स्क्रैपिंग उद्योग को संगठित रूप में बढ़ावा मिलेगा और अवैध तरीके से चलने वाली स्क्रैपिंग गतिविधियों पर भी नियंत्रण होगा। उन्होंने कहा कि इससे जिले की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी और स्क्रैपिंग के क्षेत्र में बाराबंकी एक मॉडल जिले के रूप में उभरेगा।
राज्य में स्क्रैपिंग नीति की प्रगति
उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘नेशनल व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी’ के तहत राज्य में कुल 10 अधिकृत वाहन स्क्रैपिंग यूनिट्स स्थापित करने की योजना बनाई है। इनमें से बाराबंकी की यह यूनिट राज्य में शुरू की गई पहली सुविधाओं में से एक है। आने वाले समय में अन्य जिलों में भी इस प्रकार की यूनिट्स स्थापित की जाएंगी ताकि स्क्रैपिंग नीति को पूरे राज्य में सफलतापूर्वक लागू किया जा सके।
लोगों में जागरूकता की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि स्क्रैपिंग नीति तभी सफल होगी जब आम नागरिकों में इसके प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी। अभी भी बड़ी संख्या में लोग पुराने वाहनों को इस्तेमाल में लाते हैं, जो न केवल प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ाते हैं। सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं और छूटों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप कर सकें।
बाराबंकी को मिलेगी नई पहचान
इस यूनिट की स्थापना से बाराबंकी को एक औद्योगिक पहचान भी मिलेगी। यह जिला अब केवल कृषि क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक गतिविधियों के लिए भी जाना जाएगा। साथ ही, अन्य राज्यों और जिलों के लोग भी यहां स्क्रैपिंग सेवा लेने आ सकते हैं, जिससे यह क्षेत्र एक स्क्रैपिंग हब के रूप में विकसित हो सकता है।