साइबर ठगी से बचने के लिए एक्सपर्ट ने तरीके बताए हैं। AI
अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं और पार्सल में आने वाले डिब्बे को यूं ही कूड़े में फेंक देते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। इस समय देश में Online order box scam तेजी से फैल रहा है। एक सोशल मीडिया पोस्ट ने यूजर्स का ध्यान तेजी से अपनी ओर खींचा है, जिसमें साइबर ठगी के नए खतरे के बारे में बताया गया है। साइबर ठगी की ऐसी घटनाएं अनजाने में की गई लापरवाही के कारण बढ़ रही हैं।
डेलिवरी बॉक्स को यूं ही कूड़े में फेंकने की आदत तो नहीं
एक कंटेंट क्रिएटर @therajivmakhni ने अपने पोस्ट में बताया है कि ऐसी साइबर ठगी बॉक्स पर चिपके लेबल के कारण बढ़ रही है। इस क्लिप में बताया गया है कि कैसे ऑनलाइन डेलिवरी बॉक्स हमारी गाढ़ी कमाई लुटवा सकता है। शुरुआत में लोग इसे गंभीरता से नहीं लेंते हैं लेकिन अगर डेलिवरी बॉक्स को यूं ही कूड़े में फेंक देने की आदत बन जाए तो यह कभी भी बड़ी दिक्कत में डाल सकती है।
ऑनलाइन ऑर्डर पैकेज पर एक लेबल लगा होता है
जब भी कोई ग्राहक ऑनलाइन ऑर्डर करता है तो पैकेज पर एक लेबल लगा होता है, जिस पर आपकी निजी जानकारी मसलन, नाम, पता, फोन नंबर और कुछ में ईमेल तक दर्ज होता है। साइबर ठगों के लिए इतनी जानकारी आपको शिकार बनाने के लिए काफी है। वह धीरे-धीरे आपका प्रोफाइल बनाना शुरू कर देते हैं। यहां डरने वाली बात यह है कि आपकी प्रोफाइल गलत हाथों में पड़ जाए तो गंभीरपरिणाम हो सकते हैं।
ऑनलाइन खरीदारी में ग्राहक क्या करते हैं
ग्राहक जब ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो डिब्बे में से सामान निकालकर उसे डस्टबिन में फेंक देते हैं, जो बिल्डिंग या घर के बाहर रखी रहती है। अब फ्रॉड करने वालों की नजर ऐसी डस्टबिन पर ज्यादा पैनी हो गई है। उस लेबल से कस्टमर की निजी जानकारी निकालने के बाद वे फर्जी मैसेज, स्कैम कॉल और फिशिंग करना शुरू कर देते हैं। इस तरह वह चेक करते हैं कि कस्टमर कितना अलर्ट है।
कोई हाईटेक हैक नहीं बल्कि सोशल इंजीनियरिंग
साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्र बताते हैं कि यह कोई हाईटेक हैक नहीं बल्कि सोशल इंजीनियरिंग है। फ्रॉड करने वाले सीधे आपके बैंक खाते में सेंध लगाने के बजाय रीयल वर्ल्ड इंफॉर्मेशन के जरिए कस्टमर से खेलते हैं। आपने जो डिब्बा बिना लेबल हटाए या नष्ट किए कचरे के डिब्बे में फेंक दिया, फ्रॉड करने वाले डिलीवरी एक्जीक्यूटिव, कस्टम केयर एक्जीक्यूटिव या किसी नौकरी देने वाले नियोक्ता बनकर उस जानकारी से शिकार बनाते हैं। ऐसे लोग आपकी बेसिक जानकारी लेकर और निजी सूचना चुराने की कोशिश करते हैं। इस ट्रिक से कस्टमर को शक भी नहीं होता और वह भरोसा कर बैठता है। फिर जहां आप उसकी बातों में आए वह OTP, फर्जी लिंक डाउनलोड कराकर आपके साथ धोखाधड़ी कर सकता है।
कैसे बचें ऐसे खतरों से
कस्टमर ऐसे खतरे से आसानी से बच सकते हैं। ऑर्डर वाले डिब्बे के लेबल को पूरी तरह नष्ट कर दें या निकाल लें। उसके बाद ही डिब्बा कचरे में फेकें। कोशिश करें कि लेबल निकल न पाए तो उस पर दर्ज जानकारी किसी भी तरह पढ़ने लायक न रह जाए। अगर इसके बाद भी संदिग्ध फोन कॉल या एसएमएस या ईमेल आए तो उसे नजरअंदाज करें। खासकर डेलिवरी, नौकरी देने या रिफंड की बात करने वालों से बेहद सतर्क रहें। सोशल मीडिया पर कोई भी निजी जानकारी शेयर करने से बचें। अपनी प्रोफाइल को प्राइवेट करके रखना सबसे सेफ होता है।
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