जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियन्ता महेन्द्र मीणा ने बताया कि कई साल बाद जून माह में इतने बांध लबालब हुए, जिले में कुल 18 बांध में से 9 बांध तो सौ फीसदी भर गए हैं। इनमें गोपालपुरा, बिलास, उम्मेद सागर, इकलेरा सागर, कालीसोत, छत्रपुरा, महोदरी, नाहरगढ़ तथा सेमली फाटक बांध है। वहीं दो बांध छलकने को हैं। इसमें रताई बांध 92. 92 तथा अहमदी बांध 90.27 फीसदी भर चुका है।
साथ ही दो अन्य डेम आधे से अधिक लबालब हो गए है। इनमें ल्हासी बांध 53.90 तथा बैथली 45.76 फीसदी भर गया है। जिले में 01 जून से 04 जुलाई तक गत वर्ष की तुलना में 5 गुना अधिक बरसात हो चुकी है। जहां वर्ष 2024 में इस अवधि में जहां औसत बरसात 102 एमएम हुई, वही इस वर्ष 495 एमएम औसत बरसात हो चुकी है।
बैथली को पार्वती से जोडऩेे की कवायद विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में ल्हासी बांध ल्हासी नदी से तथा बैथली बांध बैथली नदी से ही भरता है। हालांकि इन नदियों का उदगम क्षेत्रीय है। बैथली नदी में पानी की आवक दिनों दिन कम होने से बैथली बांध पूरी तरह से नही भर पाता है। इसको लेकर बजट घोषणा में पार्वती नदी के पानी से भरने के लिए ङ्क्षलक ड्रेन बनाई जाएगी। इससे आगामी समय में लाभ मिल पाएगा।
अभी आषाढ़ बरस रहा, सावन बाकी शुरुआती बरसात से ही जिले में करीब पर्याप्त पानी उपलब्ध हो गया है। लेकिन भूजल स्तर के बढ़ावे के लिए लम्बे समय तक रिमझिम बरसात की जरुरत है। हालाकि अभी श्रावण मास बकाया है। वही बताया जा रहा है कि आषाढ़ से अधिक श्रावण मास में बरसात होने की उम्मीद रहती है।
जिले में यह बांध इतने भरे (जलसंसाधन विभाग)
ल्हासी 53.90
बैथली 44.76
ङ्क्षहगलोट 76.48
रातई 92.92
उतावली 66.18
खटका 60.43
नारायणखेड़ा 63.73
अहमदी 90.27
फलिया 46.67
… और यह हुए बांध लबालब
गोपालपुरा 100
बिलास 100
उम्मेद सागर 100
इकलेरा सागर 100
कालीसोत 100
छत्रपुरा 100
महोदरी 100
नागहरगढ़ 100
सेमली फाटक 100