थोक फलसब्जी मंडी स्थित मार्केङ्क्षटग सोसायटी के खरीद केन्द्र पर सोमवार कोकरीब एक दर्जन से अधिक किसानों की चने की तुलाई नहीं हो पाने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ी। आंकेड़ी के किसान हरिमोहन मीणा, सुन्दलक के मदनलाल मीणा, ठूंसरा के जोनी नागर, फंूसरा के प्रेमप्रकाश मीणा तथा मेलखेड़ी के प्रेम बिहारी मीणा ने बताया कि वह चने बेचने के लिए यहां खरीद केन्द्र पर आए थे। लेकिन खरीद एजेन्सी ने माल को नापास करते हुए खरीद करने से मना कर दिया। जिसके चलते कई किसानो को मंडी में ही रात बिताने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई किसानों ने कहा कि वह किराए के ट्रैक्टर ट्राली लेकर आए हैं। साथ ही रात को यहां रुकने से परेशानी उठानी पड़ रही है।
इस मामले में महाप्रबंधक तथा केन्द्र प्रभारी जेनेन्द्र मीणा ने बताया कि राजफेड के लिए नेफेड द्वारा खरीद की जा रही है। नेफेड के दो सर्वेयर है। एक केन्द्र पर मौजूद रहता है तथा दूसरा वेयरहाउस पर, केन्द्र के सर्वेयर ने तो माल को पास कर दिया। वहीं वेयरहाउस के सर्वेयर ने उसी माल में कसारी दाना बताते हुए नापास कर दिया। इसके बाद किसानों ने जिला कलक्टर को शिकायत की, लेकिन फिर भी सोमवार शाम तक भी किसानों के माल की तुलाई नही हो पाई। कई किसानो को रात को रुकने को मजबूर होना पड़ा। महाप्रबंधक मीणा ने बताया कि खरीद नियमों के अनुसार माल में एक प्रतिशत तक तो कंकर अथवा अन्य कारण होने पर भी तुलाई करवाई जा सकती है। जिन किसानों का माल रिजेक्ट किया गया है। उनमें 0.9 प्रतिशत के करीब ही कमी थी। लेकिन दूसरे सर्वेयर ने क्यों नापास कर दिया पता नही। उन्होंने बताया कि इस मामले में उच्चाधिकारियों को लिखित में अवगत करवाया जाएगा। ताकि किसानों को परेशानी नहीं हो।
किसान महापंचायत के प्रदेश संयोजक सत्यनारायण ने कहा कि किसान थोड़े से अच्छे भाव के लिए सरकारी खरीद केन्द्रों तक पहुंचते हंै। वहां पर भी किसानंो को जांच आदि के नाम पर परेशान किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। खरीद ऐसेन्सी यदि अपने रवैए में सुधार नही करती है तो विरोध जताते हुए आन्दोलन किया जाएगा।