किला के घेर शेख मिट्ठू निवासी अजहर समी ने बताया कि वह कैंसर की बीमारी के चलते इलाज व कर्ज चुकाने के लिए अपनी दुकान इमरान पुत्र अफसर अली निवासी गद्दी मोहल्ला, तांगा वाली गली, थाना किला को बेची थी। दोनों के बीच रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ था, जिसके तहत इमरान ने बयाने के रूप में एक निश्चित राशि दी थी। पीड़ित ने वह रकम इलाज और अन्य जरूरतों में खर्च कर दी।
कुछ समय बाद जब अजहर ने इमरान से बैनामा कराने और बाकी रकम देने को कहा तो इमरान मुकर गया और सौदा रद्द करने की बात कहने लगा। बयाना वापसी की मांग करने पर जब पीड़ित ने असमर्थता जताई तो आरोप है कि इमरान ने दबाव बनाकर 11 लाख रुपये में नया एग्रीमेंट करा लिया। इस तरह आरोपी ने पहले का तीन लाख रुपये हड़प लिया।
इतना ही नहीं, सात महीने बाद आरोपी ने दबाव बनाकर 11 लाख रुपये कीमत का बैनामा करा लिया, लेकिन उसमें से 50 हजार रुपये रोक लिए और चेक सौंपा। जब पीड़ित ने चेक बैंक में लगाया तो उसे फर्जी पाया गया। बैंक अधिकारियों ने बताया कि चेक पर इमरान के फर्जी हस्ताक्षर हैं।
अजहर का कहना है कि जब उसने आरोपी से रकम लौटाने की बात कही तो इमरान धमकी पर उतर आया और बोला कि जो करना है कर लो, पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। पीड़ित का आरोप है कि आरोपी भूमाफिया है और उसका संबंध शातिर अपराधियों से है। पीड़ित को अपनी जान का भी खतरा है।
पीड़ित के किला थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद पीड़ित ने एसएसपी अनुराग आर्य से न्याय की गुहार लगाई। एसएसपी के आदेश के बाद किला पुलिस ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु कर दी।