शहर के सुभाषनगर, हजियापुर, चौपुला, मॉडल टाउन, अयूब खां चौराहा और डेलापीर जैसे क्षेत्रों में हालात सबसे गंभीर रहे। मॉडल टाउन में मुख्यमंत्री ग्रिड योजना के चलते अधूरी पड़ी सड़कों पर बारिश का पानी भर गया, जिससे कई लोग गिरकर चोटिल हो गए। वहीं दीपमाला अस्पताल और पटेल चौक के पास सड़कों का धंसना लोगों के लिए आफत बन गया।
जलभराव ने निचले इलाकों में ज्यादा दिक्कत
रविवार रात से शुरू हुई तेज बारिश के चलते शहर की निचली बस्तियों में पानी भर गया। सुभाषनगर की पुलिया पर जलभराव के कारण आवागमन बाधित रहा। यहां की करीब डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित हुई। जगतपुर, राजेंद्र नगर, हजियापुर और सिकलापुर जैसे क्षेत्रों के दर्जनों घरों और दुकानों में बारिश का पानी घुस गया। बारिश से एसएसपी कार्यालय भी अछूता नहीं रहा। परिसर में पानी भर गया। वहीं, रेल संचालन भी बाधित हुआ। बरेली सिटी और जंक्शन के बीच रेलवे ट्रैक पर चार फीट तक पानी भर गया, जिससे बरेली-कासगंज रेलखंड पर पांच ट्रेनें बीच रास्ते में रोकनी पड़ीं। रेलवे प्रशासन ने सिटी स्टेशन के पास पंपसेट लगाकर पानी निकालने की कवायद शुरू की है।
कई जगह धंसी सड़कें, हुई परेशानी
निगम ने दावा किया था कि आठ जून तक सभी नालों की सफाई पूरी कर ली जाएगी, लेकिन पहली ही तेज बारिश ने तैयारियों की पोल खोल दी। स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनी सड़कें भी धंस गईं। अयूब खान चौराहे के पास दो स्थानों पर मुख्य मार्ग धंस गया, जिससे बड़ा गड्ढा बन गया। मॉडल टाउन के ई ब्लॉक में गुरुद्वारे के पास स्थित कई घरों में पानी घुस गया। लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि छह महीने पहले सड़क खोद दी गई थी, मगर अब तक निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।
ऑफिस को निकले लोगों को उठानी पड़ी तकलीफ
सोमवार सुबह जब लोग अपने दफ्तरों के लिए निकले तो जगह-जगह जलभराव और कीचड़ से दो-चार होना पड़ा। प्रशासनिक इंतजाम और नगर निगम की लापरवाही पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। नगर निगम की उदासीनता और अधूरी परियोजनाओं की वजह से शहरवासी परेशान हैं। बारिश के एक ही दौर ने साफ कर दिया कि नगर निगम की तैयारियां सिर्फ कागजों तक सीमित रहीं।