ठाकुर जी मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग
ग्राम खमरिया (बहेड़ी) में स्थित लगभग 100 वर्ष पुराने श्री ठाकुर जी मंदिर की स्थिति बेहद जर्जर हो चुकी है। यह मंदिर क्षेत्रीय जनमानस की आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां सालभर धार्मिक अनुष्ठान और मेले आयोजित होते हैं। अमरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग की कि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए विशेष निधि स्वीकृत की जाए, जिससे इसका भव्य और संरक्षित रूप में निर्माण हो सके।
नहर किनारे बाईपास सड़क निर्माण की अपील
सैदपुर से मंडनपुर शुमाली के बीच नहर पटरी पर वर्षों पुरानी सड़क अब चलने योग्य नहीं रह गई है। यदि इसका चौड़ीकरण व मजबूतीकरण कर दिया जाए, तो यह सड़क बहेड़ी नगर का वैकल्पिक बाईपास बन सकती है। इससे भारी वाहनों का दबाव शहर के मुख्य मार्गों से हटेगा और यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।
न्यामतपुर-जगत पुल से जुड़ेंगे 30 गांव
शेरगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम न्यामतपुर और जगत के बीच बहने वाली नदी के कारण ग्रामीणों को आवागमन में भारी असुविधा होती है। प्रस्तावित पुल के निर्माण से क्षेत्र के करीब 30 गांवों को आपस में सीधा संपर्क मिल जाएगा। इससे न केवल आवागमन सुगम होगा बल्कि कृषि, व्यापार और शिक्षा के नए रास्ते भी खुलेंगे।
गन्ना समितियों को मिलें बजट तय करने के अधिकार
अर्जुन सिंह पटेल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि गन्ना समितियों को वित्तीय स्वायत्तता दी जाए। वर्तमान में ये समितियां शासन से निर्धारित बजट के अधीन कार्य करती हैं, जिससे स्थानीय समस्याओं के अनुसार तत्काल निर्णय लेना कठिन हो जाता है। प्रस्ताव में मांग की गई है कि समिति का बजट उसके बोर्ड द्वारा तय किया जाए, ताकि किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
कमुआ पुलिया का चौड़ीकरण जरूरी
बरेली-बीसलपुर मार्ग पर स्थित कमुआ पुलिया पर हर वर्ष गन्ना सत्र के दौरान वाहनों की लंबी कतारें लगती हैं। किसानों व आमजन को 5 किलोमीटर तक जाम की स्थिति झेलनी पड़ती है। चेयरमैन पटेल ने पुलिया के तत्काल चौड़ीकरण की मांग की, ताकि सुचारु यातायात सुनिश्चित हो सके।
केसरपुर-भगवानपुर मार्ग से होगा दो विधानसभाओं का संपर्क
बिथरी विधानसभा क्षेत्र के केसरपुर से भगवानपुर तक सड़क और पुल की कमी के कारण ग्रामीणों और गन्ना किसानों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मार्ग के निर्माण से बिथरी चैनपुर और भोजीपुरा विधानसभाओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा, जिससे किसानों को मिल तक फसल पहुँचाने में सहूलियत और लागत में बचत होगी। मुख्यमंत्री ने सभी प्रस्तावों पर अधिकारियों को निर्देश देने का भरोसा दिलाया है। उम्मीद की जा रही है कि यदि ये सभी योजनाएं धरातल पर उतरती हैं तो बरेली के ग्रामीण इलाकों में विकास की नई रफ्तार देखने को मिलेगी।