‘स्कूल चलो अभियान’ और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने बरेली से ही ‘स्कूल चलो अभियान’ और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की हालत बेहद खराब थी। कई स्कूल बंद होने की कगार पर थे, जहां न टॉयलेट थे, न पीने का पानी, न फर्नीचर और न ही फर्श थे। स्मार्ट क्लास और डिजिटल लाइब्रेरी की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। योगी ने कहा कि उस समय 1.34 करोड़ बच्चों ने नामांकन कराया था, लेकिन 60 फीसदी बच्चे स्कूल नहीं आते थे। आज 1.91 करोड़ छात्रों के खाते में 1200 रुपये भेजे जा रहे हैं और दो यूनिफॉर्म के साथ पूरा ड्रेस सरकार की ओर से अनिवार्य रूप से दिया जा रहा है।
गांव-गांव में स्कूलों का होगा विकास
योगी ने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर करने के लिए 1 लाख 25 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई है। अब गांव-गांव में स्कूलों को इंटीग्रेटेड स्कूल कॉम्प्लैक्स के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश में 16 अटल आवासीय स्कूल शुरू किए गए हैं, जो श्रमिकों के बच्चों के लिए मॉडल स्कूल के रूप में काम करेंगे। हर जिले में मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय खोले जाएंगे।
संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए अभियान
सीएम ने 100 नई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई और संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस, डेंगू, मलेरिया, कालाजार और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। योगी ने इसे नाथ नगरी से शुरू करने की बात कहते हुए विश्वास जताया कि यह प्रयास कभी विफल नहीं होगा। बरेली समेत 18 जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए 100 नई एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई गई। इस दौरान लाभार्थियों को प्रमाण पत्र, टूलकिट और आर्थिक सहायता के चेक भी वितरित किए गए।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछले आठ सालों में बड़ा बदलाव आया है। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिया जा रहा है और 1.35 लाख स्कूलों का कायाकल्प किया गया है। वहीं पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने इसे राजनीति का स्वर्णयुग बताते हुए गौ संरक्षण और पशुपालन योजनाओं की जानकारी दी। बरेली में हुए इस आयोजन ने विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगी सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूती से प्रदर्शित किया।