कोतवाली के सिविल लाइंस आवास विकास निवासी ग्लोरी फर्म के मालिक रोहित खण्डेलवाल ने बताया कि उन्होंने अपनी फर्म का सभी वर्षों का राज्य कर निपटा दिया है। इसके बाद भी उन पर 1 लाख 47 हजार 232 की बकाया राशि निकालकर स्टेट बैंक के खाते के लेन-देन पर रोक लगा दी गई। दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद 9 हजार चेक के रूप में जमा करने के बाद खाते को चालू किया गया, लेकिन आज तक वह धनराशि उन्हें वापस नहीं मिली
जीएसटी अफसर ने दोबारा भेजा नोटिस, मांगे 50 हजार
2020-21 में फर्म का टर्नओवर 92.50 लाख था। इसकी जांच सहायक आयुक्त ने की। 05 फरवरी 2025 को शून्य बकाया का आदेश जारी किया। इसके बावजूद, एक असिस्टेंट कमिश्नर ने 18 नवंबर 2024 को दोबारा नोटिस जारी कर जांच शुरू की। उन पर 4 लाख 53 हजार 944 की बकाया राशि तय कर दी। केस समाप्त करने के एवज में 50 हजार रिश्वत मांगी गई। व्यापारी के 50 हजार रिश्वत न देने पर अधिकारी ने एकतरफा आदेश पारित कर दिया। व्यापारी को 90 दिन में अपील करने का अधिकार था, लेकिन उसके कैश लेजर से 23,893 रुपये काट लिए गए।
जीएसटी अफसरों की वसूली से परेशान कारोबारी 38 साल पुरानी फर्म बंद करने को मजबूर
व्यापारी ने बताया कि उसके पिता के देहांत के कारण उसने दिवाली नहीं मनाई, लेकिन अधिकारी ने मिठाई भेजने की मांग की। जब व्यापारी ने असमर्थता जताई, तब अधिकारी ने जबरन 10 किलो मिठाई मंगवाई, लेकिन आज तक उसका भुगतान नहीं किया। व्यापारी ने लगातार उत्पीड़न से परेशान होकर 38 साल पुरानी फर्म ग्लोरी को जनवरी 2025 में बंद कर दिया, जिससे 50 परिवार बेरोजगार हो गए। इसके साथ ही सरकार को राजस्व का भी नुकसान हुआ।
एडिश्नल कमिश्नर बोले, कराई जा रही है जांच
व्यापारी ने जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुये शहर विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री डा. अरुण कुमार से की। मंत्री ने प्रमुख सचिव एम देवराज को मामले में कार्रवाई के लिये कहा। इसके बाद कारोबारी ने प्रमुख सचिव एम देवराज से मिलकर जीएसटी अफसर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मामला गरमाने के बाद एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड वन डीके मिश्रा ने एडिश्नल कमिश्नर मूलचंद यादव को मामले में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। कारोबारी ने एसएसपी अनुराग आर्य को भी शिकायत भेजकर भ्रष्टाचार और उत्पीड़न के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की गुहार लगाई है।