बच्चों के आधार कार्ड पर विशेष ध्यान
सीडीओ जगप्रवेश ने जानकारी दी कि जनपद में कुल 3.6 लाख बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत हैं, जिनमें से 1.54 लाख बच्चों के आधार कार्ड पहले ही बनाए जा चुके हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि एक से डेढ़ महीने में सभी शेष बच्चों के आधार कार्ड बनवाए जाएं। इसके लिए कुछ आधार केंद्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि आंगनबाड़ी बच्चों के आधार कार्ड जल्द बन सकें। 16 निष्क्रिय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में से 8 की सेवा समाप्त कर दी गई, जबकि 8 को नोटिस जारी किया गया। 27 निष्क्रिय सहायिकाओं में से 9 की सेवा समाप्त कर दी गई और 18 को नोटिस दिया गया।
कुपोषित बच्चों की भर्ती में लापरवाही पर नाराजगी
बैठक में बताया गया कि पिछले चार महीनों से एनआरसी में बच्चों की भर्ती प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल रही है। इस पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जताई और शत-प्रतिशत क्षमता के अनुरूप भर्ती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सीडीपीओ अधिकारियों ने बताया कि एनआरसी कर्मियों द्वारा व्यवहार ठीक न होने के कारण परिजन बच्चों को वापस ले आते हैं। इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उक्त कर्मी की सेवा समाप्त करने के आदेश दिए। इसके अलावा प्रत्येक माह आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की सूची (मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज) को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे जननी सुरक्षा योजना का लाभ मिल सकेगा और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा। ग्राम प्रधानों और आशा कार्यकर्ताओं के संयुक्त खाते सक्रिय किए जाएं। वजन मशीन की खरीद सुनिश्चित की जाए।
12 लाख से होगा नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण
122 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की योजना बनाई गई है। इसमें 2 लाख रुपये ग्राम पंचायत, 2 लाख रुपये विभाग और 8 लाख रुपये मनरेगा फंड से, यानी प्रति केंद्र 12 लाख रुपये के बजट से निर्माण कार्य होगा। बैठक में सीडीओ जग प्रवेश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, पीडी (एनआरएलएम), जिला विकास अधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।