तीन साल बाद पीड़ित परिवार को मिल न्याय
देवरनिया थाना क्षेत्र के गांव दमखोदा में पांच जनवरी 2022 को हुई थी। पीड़िता के पिता एजाज अहमद ने पुलिस को बताया था कि सुबह के समय उसके पड़ोसी आरिफ व कासिम घर में घुस आए और उसकी पुत्री शमा 19 के साथ मारपीट व गाली गलौज करने लगे। शमा ने जब विरोध किया तो दोनों ने शमा के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। चीख पुकार सुनकर उनकी पत्नी लईकन बचाने दौड़ी तो दोनों जान से मारने की धमकी देकर भाग गए। इसके बाद ग्रामीणों व लईकन ने शमा को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दो दिन बाद सात जनवरी 2022 को शमा की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच के बाद तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली।
पीड़िता ने मरने से पहले ही दे दिया था बयान
विवेचक ने नौ जनवरी 2022 को अभियुक्त कासिम को गिरफ्तार कर लिया। कुछ समय बाद पुलिस ने दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पीड़िता के बयान भी अस्पताल में दर्ज कर लिए थे। विवेचक ने आठ अप्रैल 2022 को आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। अभियोजन की ओर से न्यायालय में 13 गवाह और 18 साक्ष्य पेश किए गए। चिकित्सक ने बताया कि पीड़िता शमा जब अस्पताल में आई थी तो उसका शरीर 75 जला हुआ था। न्यायालय ने गवाहों को सुनने और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद दोषी कासिम और आरिफ को सजा सुनाई है। पीड़िता ने अस्पताल में इलाज के दौरान पुलिस को बयान दिया था कि दोनों आरोपी आरिफ व कासिम दीवार फांदकर उसके घर में आए थे। आरोपी आए दिन झगड़ा करते थे। सुबह के समय मां शौचालय में थी और पिता मिल में ड्यूटी पर थे। यही मौका देखकर दोनों आरोपी आए और दोनों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी।