मामला क्या है
शहर के सिविल लाइंस निवासी शशांक गुप्ता ने अदालत में वाद दाखिल कर बताया कि उन्होंने वर्ष 2022 में नगर पालिका परिषद से विधिवत अनुमति लेकर शहर में एलईडी स्क्रीन और ग्लो साइन बोर्ड लगाए थे। इसके बदले पालिका प्रशासन की ओर से उन्हें ₹11,39,000 का भुगतान किया जाना था, जो अब तक लंबित है। शशांक के अनुसार, जब उन्होंने बकाया भुगतान की मांग की तो 4 जनवरी 2024 को चारों आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की।
सबूत देने के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
शशांक ने इस संबंध में सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य पुलिस को सौंपे, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे निराश होकर उन्होंने न्यायालय की शरण ली और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद दाखिल किया।
अदालत ने लिया सख्त रुख
मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों और साक्ष्यों को संज्ञान में लेते हुए अदालत ने चारों आरोपियों को कई बार हाजिर होने का नोटिस भेजा, लेकिन उनकी ओर से कोई पेशी नहीं हुई। इस पर अदालत ने सख्त रवैया अपनाते हुए गैर-जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया।
अगली सुनवाई 7 जुलाई को
अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है, जिसमें चारों आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर अदालत में प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य होगा।