एक किसान की शिकायत से हुआ घोटाले का पर्दाफाश
घोटाले की शुरुआत शाहजहांपुर निवासी किसान अशोक यादव की शिकायत से हुई। अशोक ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्तें उसके खाते में नहीं आ रही हैं, जबकि पोर्टल पर भुगतान दिख रहा है।किसान ने यह जानकारी बैंक के महाप्रबंधक (GM) को दी, जिसके बाद 16 मई 2025 को सहकारी बैंक के डिप्टी जीएम ने फरीदपुर शाखा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में जो खुलासे हुए, वे हैरान करने वाले थे।
21 फर्जी खाते, ट्रांजेक्शन के पीछे बड़ा गबन
जांच में यह सामने आया कि किसानों की पीएम किसान निधि की रकम को 21 फर्जी खातों में ट्रांसफर कर, वहां से नकद निकासी की जा रही थी। इन खातों का असली किसानों से कोई संबंध नहीं था।प्राथमिक जांच में 1,31,06,069.67 रुपये के गबन की पुष्टि हुई। इसके बाद जांच को आगे बढ़ाते हुए बैंक प्रशासन ने 23 मई को तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की।
चार बैंककर्मी दोषी, सभी निलंबित
जांच में इन बैंककर्मियों को गबन का दोषी पाया गया गौरव वर्मा – शाखा प्रबंधकमुकेश कुमार गंगवार – पूर्व शाखा प्रबंधक
चंद्र प्रकाश – कैशियर
दीपक पांडे – बैंक कर्मचारी
गबन की एफआईआर दर्ज, लगे गंभीर धाराएं
बैंक के जीएम की ओर से फरीदपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मुकदमे में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, कूट रचना और पद के दुरुपयोग जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।अब चारों आरोपियों के जेल जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है।
बैंक सिस्टम से की छेड़छाड़, IFSC और अकाउंट नंबर भी बदले
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गबन करने वालों ने बैंक के कंप्यूटर सिस्टम से जानबूझकर छेड़छाड़ की। असली खातों की जगह नकली खातों में राशि ट्रांसफर की गई-जिले भर की शाखाओं में शुरू हुई जांच
फरीदपुर घोटाले के बाद बरेली जिले की सभी सहकारी बैंक शाखाओं में खातों की स्क्रूटनी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों को आशंका है कि इसी तरह के फर्जीवाड़े अन्य शाखाओं में भी हो सकते हैं।अब यह घोटाला सिर्फ एक शाखा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह जिलेव्यापी जांच का आधार बन चुका है।