इस अवसर पर विशेषज्ञों ने कैंसर की रोकथाम में जांच की अनिवार्यता को रेखांकित किया और बायोकैमिस्ट्री की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित जांच, सही खानपान और प्रभावी उपचार आवश्यक हैं। इस दौरान कैंसर के इलाज में नेचुरोपैथी की भूमिका, फाइटोकैमिकल्स, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, डिटॉक्सिफिकेशन, सेल्युलर मेटाबोलिज्म और एंटीऑक्सीडेंट मैकेनिज्म जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ और मुख्य वक्तव्य
सीएमई के उद्घाटन सत्र की शुरुआत सरस्वती वंदना, दीप प्रज्वलन और संस्थान गीत के साथ हुई। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के बायोकैमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ. लाल चंद ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति की सेवा भावना को रेखांकित करते हुए कहा, “मुझे राज्य, स्वर्ग या पुनर्जन्म की कामना नहीं है, बल्कि मैं दुखी प्राणियों के कष्टों को दूर करने की शक्ति चाहता हूँ।” उन्होंने कहा कि एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज इसी भावना का प्रतीक बन चुका है और मरीजों व चिकित्सकों के कल्याण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक और चेयरमैन देव मूर्ति जी ने इस आयोजन को संस्थान की कार्यसंस्कृति का हिस्सा बताते हुए कहा कि इससे न केवल मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और विद्यार्थियों को बल्कि आसपास के चिकित्सा समुदाय को भी लाभ मिलता है। उन्होंने बताया कि एसआरएमएस ट्रस्ट द्वारा गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि ट्रस्ट अपने सभी संस्थानों में एक मेधावी छात्र की फीस माफ करेगा।
स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक पहल
देव मूर्ति जी ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में संस्थान की सामाजिक पहल के बारे में बताते हुए कहा कि जिले के सभी ब्लॉकों में जाकर परिवारों की हेल्थ प्रोफाइल तैयार की जा रही है। अब तक 32,000 से अधिक परिवारों की हेल्थ कुंडली बनाई जा चुकी है, और अगले दो वर्षों में जिले के सभी परिवारों की स्वास्थ्य जांच पूरी कर ली जाएगी।
विशेषज्ञों के व्याख्यान और चर्चा
सीएमई के आयोजन सचिव डॉ. मनोज गुप्ता ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए बताया कि कैंसर जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए समय पर स्क्रीनिंग आवश्यक है और बायोकैमिस्ट्री इस प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आज के समय में लोग स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक हो रहे हैं और दालचीनी, अदरक जैसे प्राकृतिक उत्पादों की भूमिका पर लगातार शोध हो रहे हैं। सीएमई में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों से आए विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिए, जिनमें शामिल थे: डॉ. सुखेश मुखर्जी (एम्स भोपाल) डॉ. कल्पना सिंह (केजीएमयू लखनऊ) डॉ. कमलेश पलनडुकर (बीएचयू वाराणसी)
डॉ. प्रभात सिंह (गोरखपुर) डॉ. तारिक महमूद (इरा मेडिकल कॉलेज) डॉ. माला महतो, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. पूनम अग्रवाल, डॉ. अजमल कमाल अंसारी, डॉ. किरण भट, डॉ. शिखा सक्सेना, डॉ. आकाश बंसल
कॉलेज की उपलब्धियों पर डाला प्रकाश
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डॉ. एम.एस. बुटोला ने कॉलेज की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए इस कार्यशाला को सफल बताया। सीएमई के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. तौकीर अहमद ने सभी विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उद्घाटन सत्र का संचालन अनीता बिष्ट ने किया। इस कार्यक्रम में एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आर.पी. सिंह, आयोजन समिति के चेयरमैन डॉ. पियूष अग्रवाल, डॉ. शरद जौहरी, डॉ. दीप पंत, डॉ. स्मिता गुप्ता, डॉ. शशिबाला आर्य, डॉ. तनु अग्रवाल, डॉ. के.एम. झा, डॉ. बिंदू गर्ग, डॉ. मनोज टांगड़ी, डॉ. विजय कुमार समेत अन्य विभागाध्यक्ष और फैकल्टी सदस्य उपस्थित रहे।