यह सनसनीखेज घोटाला बरेली की जिला सहकारी बैंक की फरीदपुर शाखा में हुए गबन की जांच के दौरान सामने आया है। शुरुआती पड़ताल में यह पता चला है कि करीब ढाई से तीन हजार महिलाओं के नाम पर फर्जी तरीके से विधवा पेंशन डाली जा रही थी। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक देवेंद्र सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि इन खातों में न केवल विधवा पेंशन, बल्कि किसान सम्मान निधि और वृद्धावस्था पेंशन की रकम भी आ रही थी।
कई खातों में एक से ज्यादा आधार कार्ड
इन घोटालेबाजों के खातों में एक से अधिक आधार कार्ड जुड़े हुए पाए गए। इस खुलासे से साफ तौर पर पता चलता है कि इसमें सिर्फ बैंक के कर्मचारी ही नहीं बल्कि सरकारी विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं जो इन योजनाओं को संचालित करते हैं। सत्यापन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। पूरा घोटाला डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए खातों में सीधे पैसे भेजकर किया गया है।
एक ही नाम पर कई खाते
जांच में सामने आया कि एक ही व्यक्ति के नाम से कई खाते खोले गए हैं और उनमें सरकारी योजनाओं से लाखों रुपये डाले जा चुके हैं। जैसे, मोहम्मद अनस और असमीन बेगम के नाम से दो अलग-अलग संयुक्त खाते मिले हैं। इनमें से एक खाते में 9,000 रुपये की विधवा पेंशन और 4,000 रुपये की किसान सम्मान निधि आई, जबकि दूसरे खाते में 30,000 रुपये की किसान सम्मान निधि डाली गई। इसी तरह, यशपाल के खाते में अब तक अलग-अलग योजनाओं से 47,000 रुपये आ चुके हैं। रविंद्र सिंह को भी 12 मार्च को 9,000 रुपये की विधवा पेंशन मिली है। इसके अलावा भी कई और खातों में इसी तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं।
इस तरह से हुआ खुलासा
दरअसल, एक किसान की जागरूकता की वजह से इस पूरे घोटाले की पोल खुल गई। शाहजहांपुर जिले के किसान को पता चला कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किस्त का पैसा उनके खाते में आया ही नहीं। पता करने की कोशिश तो जानकारी मिली कि फरीदपुर की ब्रांच के खाते में यह पैसा गया है। किसान ने बैंक को शिकायत की, मई में जब फरीदपुर ब्रांच में अचानक चेकिंग की गई तो पाया कि सिर्फ एक किसान को ही चूना नहीं लगाया जा रहा है बल्कि लाखों की रकम इधर से उधर की जा रही है।