घटना बुधवार सुबह की है, सुभाषनगर निवासी आकाश बाबू रत्नाकर की पत्नी काजल को प्रसव पीड़ा होने पर उन्हें डॉ. एस.के. अग्रवाल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। सुबह करीब 9:10 बजे काजल ने सफल प्रसव किया। इस दौरान ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर संध्या अग्रवाल ने परिजनों को बताया कि काजल ने पुत्र को जन्म दिया है।
दूसरे अस्पताल में भेजकर बदला बच्चा
परिजनों का आरोप है कि बेटे के जन्म की सूचना मिलने के बावजूद उन्हें बच्चा दिखाया नहीं गया। कुछ देर बाद अस्पताल की एक नर्स नवजात को “अन्य जांच” के बहाने अस्पताल के दूसरे यूनिट में ले गई। इसके बाद करीब 3 से 4 घंटे तक परिवार को किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। करीब चार घंटे बाद अस्पताल प्रशासन ने अचानक रुख बदलते हुए कहा कि प्रसूता ने बेटे नहीं बल्कि बेटी को जन्म दिया है। इस पर परिवार में हड़कंप मच गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में नवजात बदलने की साजिश की गई है और उनके बेटे को किसी और को दे दिया गया है।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
पीड़ित आकाश बाबू ने इस पूरे मामले में अस्पताल की डॉक्टर संध्या अग्रवाल और स्टाफ पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए प्रेमनगर थाने में तहरीर दी है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा। प्रेमनगर इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएंगे और स्टाफ से पूछताछ की जाएगी। जांच के बाद सच्चाई सामने लाई जाएगी। इस मामले में डॉक्टर संध्या अग्रवाल ने बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठ सका।