जिला पंचायत के चार साल बेमिसाल: बदली तस्वीर, 326 किमी खड़ंजे और 145 किमी डामर बनाकर गांवों को दी नई पहचान
जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने अपने चार साल के कार्यकाल में जो बदलाव किए, वह सिर्फ सरकारी आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि गांवों की जमीनी हकीकत को एक नई दिशा दी है। गांवों की टूटी सड़कें, गंदगी और बदहाली की तस्वीर अब बीते कल की बात हो चुकी है। 326 किमी में 450 खड़ंजा और 145 किमी डामर बनाकर विकास की गति को रफ्तार दी है।
चार साल पूरे होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष का फूल-माला पहनाकर स्वागत करते लोग (फोटो सोर्स: पत्रिका)
बरेली। जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल ने अपने चार साल के कार्यकाल में जो बदलाव किए, वह सिर्फ सरकारी आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि गांवों की जमीनी हकीकत को एक नई दिशा दी है। गांवों की टूटी सड़कें, गंदगी और बदहाली की तस्वीर अब बीते कल की बात हो चुकी है। 326 किमी में 450 खड़ंजा और 145 किमी डामर बनाकर विकास की गति को रफ्तार दी है।
जिला पंचायत की बागडोर संभालते हुए रश्मि पटेल ने साबित कर दिया कि अगर नेतृत्व ईमानदार, दूरदर्शी और संवेदनशील हो, तो विकास सिर्फ वादों में नहीं, जमीनी सच्चाई में नजर आता है। फरीदपुर के ग्रामीण विजयपाल सिंह कहते हैं पहले हमारे गाँव में ना सड़क थी, ना नाली और ना ही साफ पानी। अब न सिर्फ पक्की सड़कें हैं, बल्कि पौधे भी लगे हैं और स्कूलों में बच्चों को किताबें भी मिल रही हैं। ये बदलाव हमने अपनी आँखों से देखा है।
खेत से मंडी तक बनी विकास की सीधी राह
रश्मि पटेल ने सबसे पहले बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम किया। जिले में 125 लेपन सड़कें बनाई गईं, जिससे 145 किलोमीटर दूरी सुगम हुई और किसानों को मंडियों तक पहुँचने में सुविधा मिली, और 450 खड़ंजा सड़कों ने गाँवों को हर मौसम में जोड़कर परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ किया। जलभराव की पुरानी समस्या को 450 नए नालों ने काफी हद तक समाप्त किया।
राजस्व सुधार से 1.77 करोड़ की अतिरिक्त आय से मजबूत हुई पंचायत
मानचित्र बायलॉज 2023 के तहत 1.77 करोड़ की अतिरिक्त आय ने पंचायत को आर्थिक मजबूती दी। कर प्रणाली में पारदर्शिता लाकर लक्ष्य से अधिक राजस्व अर्जन किया गया। इसके अलावा हर निर्माण कार्य की शुरुआत 5 पौधों के रोपण से की जाती है। अब तक हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत गाँवों में पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया और किनारों पर छायादार वृक्ष लगाए गए। ग्रामीणों, स्वयं सहायता समूहों और स्कूलों के सहयोग से हरित बरेली मॉडल तैयार किया गया।
शिक्षा में नवाचार, शिक्षकों को मिला सम्मान
आठ जिला पंचायत स्कूलों में स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय और बच्चों के लिए सुविधाओं का विस्तार किया और गुरु अभिनंदन समारोह आयोजित कर शिक्षकों को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाया। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष ने महिलाओं को स्वावलंबन और स्वच्छता अभियानों से जोड़ा। हर गाँव में महिलाओं की सहभागिता से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को जनांदोलन का रूप मिला।
डबल इंजन सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों को जमीनी स्तर पर उतारते हुए रश्मि पटेल ने यह सिद्ध कर दिया कि विकास सिर्फ सरकारी योजनाओं का हिस्सा नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सोच का परिणाम है। उनका कार्यकाल पंचायत विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक मिसाल बन चुका है, जो आने वाले जनप्रतिनिधियों के लिए मार्गदर्शक है।
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