गिरफ्तारी के बाद खुल सकते हैं कई राज
पुलिस का कहना है कि अंकिश की गिरफ्तारी से गैंग की कई और साजिशें उजागर हो सकती हैं। लेखपाल सावन जायसवाल, अमित राठौर और विजय अग्रवाल गैंग ने जमीन कब्जाने के लिए पीड़ितों पर दबाव बनाने की नीयत से उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे भी दर्ज कराए। अब तक की जांच में ऐसे तीन मामले सामने आए हैं। इन मामलों में पीड़ितों के खिलाफ फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
एसआईटी की जांच तेज
एसएसपी ने गैंग के खिलाफ मामलों की गहन जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है। एसआईटी अंकिश त्रिपाठी की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। उसके घर और ससुराल में छापेमारी की जा रही है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। स्वजन से पूछताछ के बावजूद उसकी लोकेशन का पता नहीं चल सका है।
बीमारी का बहाना बनाकर दिल्ली में छिपा गैंग का सदस्य
गैंग के पकड़े जाने की खबर फैलते ही इसके अन्य सदस्य भागने और बचने के तरीके खोजने लगे। कुछ ने पुलिस से सेटिंग की कोशिश की, तो कुछ ने बीमारी का बहाना बनाकर शहर छोड़ दिया। जांच में पता चला है कि गैंग के एक नामजद सदस्य ने खुद को दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में भर्ती करा लिया है। बीमारी का बहाना बनाकर वह पुलिस की गिरफ्त से बच रहा है।
एसआईटी करेगी फर्जी मुकदमों की समीक्षा
पुलिस ने गैंग द्वारा पीड़ितों के खिलाफ दर्ज कराए गए सभी मुकदमों की समीक्षा का आदेश दिया है। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया, “एसआईटी यह जांच करेगी कि ये मुकदमे किस तरह से दर्ज हुए और उनकी स्थिति क्या है।”