प्रेमनगर के राजेंद्र नगर निवासी नितिन कुमार वैश्य बताया कि उन्होंने मार्च 2016 को दीनदयाल पुरम स्थित अपनी बिल्डिंग का बेसमेंट और प्रथम तल किला के कन्हैया टोला निवासी विवेक रस्तोगी को 75 हजार रुपये प्रति माह किराए पर दिया था। विवेक रस्तोगी इस भवन में अपनी कंपनी पैसर्स श्री गौल्डर्स, का संचालन कर रहे थे।
एक साल का 7.50 लाख किराया बकाया, मांगने पर पीटा
पीड़ित नितिन वैश्य ने बताया कि आरोपी ने एक साल से किराया नहीं दिया है, और बिजली का बिल भी जमा नहीं किया है। जब भी किराया मांगा तो विवेक रस्तोगी बाजार में मंदी का बहाना बनाकर टालते रहे। जब बकाया किराया 7.5 लाख रुपये तक पहुंच गया। पीड़ित दुकान पर किराया वसूले पहुंचे तो विवेक रस्तोगी उनकी पत्नी नेहा रस्तोगी और तीन अन्य लोगों ने गंदी-गंदी गालियां दीं और दुकान के अंदर गिराकर लात-घूसों से बुरी तरह पीटा। पीड़ित का आरोप है कि विवेक रस्तोगी ने अपनी पैंट की बेल्ट से तमंचा निकालकर फायर कर दिया, लेकिन गोली मिस हो गई और नितिन किसी तरह जान बचाकर वहां से भाग निकले।
पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट, उल्टा फंसाने का आरोप
पीड़ित का कहना है कि हमले के अगले दिन रात को प्रेमनगर थाने पहुंचे, तो पता चला कि नेहा रस्तोगी ने पहले ही उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। जिसके चलते थाने ने उनकी शिकायत नहीं सुनी और भगा दिया। इसके बाद पीड़ित ने आईजी डॉ. राकेश सिंह से मामले की शिकायत की। आईजी के आदेश के बाद प्रेमनगर पुलिस ने आरोपी विवेक रस्तोगी और उनकी पत्नी नेहा रस्तोगी और तीन अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।