हाईवे निर्माण में लगी कंपनी टीएजीएस प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड से मिली जानकारी अनुसार गडरारोड कस्बे के मुख्य चौराहे पर पुल निर्माण का कार्य पूरा होने के साथ अब बाड़मेर से मुनाबाव तक निर्बाध सुविधा उपलब्ध है। गौरतलब है कि इस हाईवे के बन जाने से दिल्ली, पंजाब, गुजरात सहित राजस्थान के बड़े शहरों से जुड़ाव हो गया है।
गांधव से तनोट तक जुड़ जाएगा बॉर्डर
भारत माला हाईवे में सांचौर-गांधव से गागरिया और गागरिया से मुनाबाव, मुनाबाव से तनोट माता तक सीधा जुड़ाव हो गया है। इससे स्थानीय लोगों के व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे। पहले चरण में बाड़मेर-गागरिया 69 किलोमीटर हाईवे का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में गागरिया से मुनाबाव 56 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हुआ है। रात्रि में दूधिया रोशनी में चमक उठता है हाईवे
स्थानीय निवासी कल्याणसिंह, तरुण राठी, पिंटू सिंह सोढ़ा, मांगीदान चारण, दीपक जोशी, शेखर भूतड़ा, कपिल वनल, शाहरुख खान, शहजाद अली बताते हैं कि कस्बे के मुख्य चौराहे पर बने पुल और हाईवे पर जब रात्रि में लाइट्स चालू होती हैं तो पूरा हाईवे दूधिया रोशनी में चमक उठता है। ऐसे लगता है किसी बड़े महानगर में पहुंच गए हो। पाकिस्तान के ठीक सामने हमारे देश के विकास के प्रतीक इस निर्माण को देखकर स्थानीय लोगों का सीना चौड़ा हो जाता है। बहुत ही गर्व और खुशी महसूस होती है।
पत्रिका ने चलाया था अभियान
इस मार्ग पर गागरिया से मुनाबाव के बीच का हिस्सा लंबे समय से सिंगल रोड होने से ग्रामीणों को परेशानी होती थी। पत्रिका ने इस समस्या को लेकर अभियान चलाकर समाचार प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। अब एनएच 25 ई जोधपुर से बॉर्डर के आखिरी मुनाबाव तक डबल हाईवे की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध होगी। इस हाईवे के बन जाने से गुजरात सहित बड़े शहरों से जुड़ाव हो जाएगा।
बॉर्डर टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
बाड़मेर-मुनाबाव 125 किमी लंबे सड़क मार्ग का महत्व न केवल स्थानीय लोगों के लिए है, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस मार्ग से विरात्रा वांकल माता मंदिर, केराडू मंदिर, रेडाणा का रण, गडरा के रेलवे अमर शहीद स्मारक, गडरारोड मुनाबाव बॉर्डर दर्शन, रोहिडी के मखमली धोरे जुड़े हुए हैं। यह मार्ग भारत-पाक सीमा से सटे गांवों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे सीमा क्षेत्र में सुरक्षा और संचार की सुविधा बढ़ेगी। इस मार्ग से जुड़े गांवों के लोगों को अब बाड़मेर, बालोतरा, पचपदरा रिफायनरी, जोधपुर जैसे बड़े शहरों तक पहुंचने में आसानी होगी।