जानकारी के अनुसार थौलाई स्टैण्ड से गांव जाने वाले मुख्य रोड के समीप एक खुला मुंडेर का कुआं है, जिसमें सोमवार सुबह थौलाई निवासी उमा जांगिड़ (32) का शव मिला। शव को कुएं से बाहर निकालकर जमवारामगढ़ उप जिला अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम करके शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। मृतका के परिजन महेन्द्र जांगिड़ ने बताया कि महिला सुबह मंदिर के पास पक्षियों को दाना डालने गई थी, वहीं खुला कुआं भी है, इस दौरान पैर फिसलने से वह कुएं में गिर गई। परिजन ने बताया कि मृतका उमा मानसिक रूप से कमजोर थी। पिछले कई महिनों से उसका इलाज चल रहा था। मृतका के एक लड़का व एक लड़की है। ग्रामीणों ने बताया कि थौलाई गांव में कई वर्षों से कुआं खुला पड़ा था। लोगों ने कुएं को ढकवाने के लिए प्रशासन से कई बार मांग की। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
गांवों में दर्जनों खुले मुंडेर के कुएं, कलक्टर के आदेश भी हवा
जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी ने गत वर्ष दिसंबर में कोटपूतली में हुई घटना के बाद खुले बोरवेल और कुओं को ढकने का अभियान शुरू किया था। कलेक्टर के आदेश पर जिले की सभी तहसीलों में उपखंड अधिकारियों को खुले बोरवेल और कुओं को चिन्हित करके उन्हें ढकवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी कई गांवों में दर्जनों की संख्या में सरकारी व खातेदारी के कुएं खुले में पड़े है और हादसों को न्योता दे रहे है। फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
अभी भी हादसों का इंतजार
आंधी पंचायत समिति और जमवारामगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के गांवों में अभी भी खुले मुंडेर के दर्जनों कुएं है। खुले मुंडेर के कुओं में गिरने से कई हादसे होने के बाद भी जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। लोगों के खेतों में तथा आम रास्ते व सड़कों के समीप दर्जनों बिना मुंडेर के कुएं लोगों के लिए खतरा बने हुए है। लेकिन जिम्मेदार अभी भी हादसों का इंतजार कर रहे हैं।
इनका कहना है…
यह कुआं निजी खातेदारों का है। जिनको पूर्व में ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा नोटिस दिया जा चुका है। लेकिन खातेदार कुएं को ढकने नहीं दे रहे थे, अब इनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। दिवाकर मीणा, विकास अधिकारी, पंचायत समिति आंधी