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Bird flu in CG: छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू की दस्तक, 12 हजार चूजे, 5 हजार मुर्गियां और 17 हजार अंडों को किया नष्ट जानकारी हो कि प्रदेश के कई जिलों में एच 5 एन 1 संक्रमण फैलने के संकेत मिले हैं। संक्रमण का सीधा असर पोल्ट्री व्यवसाय व इससे जुड़े लोगों पर होने का खतरा है। आशंकाओं को देखते हुए बर्ड लू को लेकर पूरे प्रदेश में
अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिले में पोल्ट्री व अंडे के कारोबार में लगातार विस्तार हो रहा है, जिसे देखते हुए यहां पर भी सावधानी बरतने की दरकार है।
बताया गया कि जिले के अंडा व पोल्ट्री कारोबार तीन ब्लॉक में संचालित हो रहे हैं, जिसमे बेरला ब्लॉक में संचालित 5 पोल्ट्री फार्म लेयर व 4 पोल्ट्री ब्रायलर, जिसकी क्षमता 3 लाख 30 हजार पक्षियों की है। इसी तरह साजा ब्लॉक में संचालित 7 लाख 82 हजार पक्षी क्षमता वाले दो पोल्ट्री फार्म एवं बेमेतरा ब्लॉक में संचालित 9 लाख पक्षी क्षमता वाले पोल्ट्री फार्म हैं। इन सबके साथ ही जिले में 167 अंडा एवं बायलर दुकान सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
जिले में सुरक्षा के लिए पीपीई किट नहीं
संक्रमण होने की स्थिति में जांच व सैंपल लेने के लिए जरूरी पीपीई किट पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। जिले में रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन कर जिमेदारी सौप दी गई है। जानकारी हो कि प्रदेश के बडे़ पोल्ट्री फार्म में से दो फार्म बेमेतरा के ग्राम मुलमुला एवं साजा के ग्राम लालपुर में संचालित हैं, जहां पर गंदे पानी की निकासी व बदबू फैलने की शिकायत ग्रामीण लंबे अर्से से करते आ रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश के पोल्ट्री में बर्ड लू का संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए संबंधित प्रबंधन द्वारा बरती जा रही लपरवाही पर अंकुश लगाना जरूरी हो गया है।
आदेश जारी पर मैदानी स्तर पर कार्य जरूरी
पशु चिकित्सा चिकीत्सा सेवाएं विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 31 जनवरी को आदेश जारी किया गया है, जिसमें बर्ड लू रोग पक्षियों का संक्रामक एवं घातक रोग है, जिससे बैकयार्ड पोल्ट्री पालक एवं पोल्ट्री व्यवसाय को हानि होने का खतरा है। इसके आलवा इंसानो को भी संक्रमित कर सकता है, जिसे देखते हुए जिले के सभी बर्डलू रोग नियंत्रण एवं रोकथाम के संबध में दी गई कार्ययोजना (एवीयन इंलूएंजा एक्शन प्लान रिवाइज्ड 2021) पालन करने, भारत सरकार की गाइडलाइन में दिए गए सैंपल साइज का पालन करते हुए नमूने एकत्र कर पाक्षिक अंतराल में जिला रोग अन्वेषण प्रयोगशाला को भेजा जाएगा। इसके अलावा जिले में बेचे जाने वाली सामग्री विक्रय करने वाले बाजार, बतख पालन क्षेत्र एवं जंगली व अप्रवासी पक्षियों के इलाकों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें विशेष रुप से अचानक पक्षियों में बतख, कुक्कुट एवं प्रवासी पक्षियों की बड़ी संया में मृत्यु होने पर बायो-सेक्योरिटी नियमों का पालन करते हुए मृत पक्षियों का नमूना एकत्र कर जिला रोग अन्वेषण प्रयोगशाला से समन्वय बना कर अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को प्रेषित करेंगे।
पशु सेवाएं विभाग डॉ. राजेंद्र भगतउपसंचालक ने कहा जिले में 5 टीमों का गठन किया गया है। टीम को पोल्ट्री व संबंधित क्षेत्र में जांच करने व पक्षियों की मौत होने की स्थिति में जानकारी व रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है।
पोल्ट्री की असमय मौत पर संचालकों को देनी होगी सूचना
गाइडलाइन के अनुसार पक्षियों की असामन्य मौत होने की स्थिति में बैकयार्ड पोल्ट्री एवं व्यावसायिक पोल्ट्री से जुड़े सभी लोगों को पक्षियों में असामान्य बीमारी एवं मृत्यु की सूचना तुरंत पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग को देनी होगी। साथ ही रोग की रोकथाम के लिए निजी पोल्ट्री प्रक्षेत्र, पोल्ट्री व्यावसायिक केन्द्र संचालकों को जैव सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। बताया गया कि जिले में उत्पादित पोल्ट्री व अंडा की सप्लाई बेमेतरा जिले के आलावा दीगर जिलों व प्रदेश में हो रही है। जिले में तेजी से फल रहे इस व्यवसाय के विस्तार का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में 20 लाख से अधिक पक्षी की क्षमता वाले पोल्टी फार्म हैं। इसके साथ ही जिले के कई क्षेत्रों में प्रवासी पक्षियों का समय-समय पर प्रवास होत रहता है। जिले के अंदर पसरदा व गिधवा में बर्ड सेंचुरी है। वहीं ग्राम देवरबीजा व सिरवाबांधा में दागर प्रदेश के पक्षी पहुंचते हैं।