यह है टंकी पर चढऩे का कारण युवक राधेश्याम उर्फ गौरव ने बताया कि उसके पिता सीआरपीएस में थे, जब मैं 3 माह का था तब उसके पिता फील्ड ऑपरेशन के लिए नीमच से झारखंड होकर रांची जा रहे थे। उस दौरान उन्हें दिमागी बुखार आ गया, जिससे उनका निधन हो गया। राधेश्याम के पिता को शहीद का दर्जा नहीं मिला। पिता की मौत के बाद राधेश्याम को उसकी मां ने पाला। पिता की जगह नौकरी के लिए राधेश्याम की उम्र 18 साल होना जरुरी थी। वर्ष 2019 में 18 साल का होने के बाद वह सीआरपीएफ में नौकरी के लिए पहुंचा लेकिन, उसे मेडिकल में अनफिट करार दे दिया। युवक का दावा है कि सीएफआरपीएफ ने राजस्थान सरकार से नौकरी देने को कहा है। इसी वजह ये युवक अनुकंपा नियुक्ति मांग रहा है।