इसकी शुरुआत कमर्शियल भवनों के लिए की गई है। जिसके तहत नए भवन निर्माण के दौरान क्रेडा के बताए फार्मूले का पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने की स्थिति में नगरीय प्रशासन भवन अनुज्ञा को निरस्त कर मोटा जुर्माना लगाएगा। एनर्जी ऑडिटर (बिल्डिंग) तैयार करने और नए जमाने के भवनों की रूपरेखा तैयार करने में सीएसवीटीयू भी अहम रोल निभाएगा। इसको लेकर क्रेडा और सीएसवीटीयू के बीच अनुबंध किया गया है।
दो चरणों में होगा लागू क्रेडा इस प्रक्रिया को दो चरणों में लागू करेगा। पहले चरण में यह नियम कमर्शियल भवनों के लिए लागू किया जा रहा है। इसी तरह दूसरे चरण में सामान्य टाउनशिप और अन्य मकानों के लिए इसे लागू किया जाएगा। क्रेडा ने इसके लिए सीजीईसीबीसी कोड लॉन्च कर शासन को सौंप दिया है।
हीटिंग वेंटेलेशन एंड एयर कंडीशनिंग – भवन को इस तरह से डिजाइन करना होगा, जिससे दिन में नेचुरल प्रकाश भीतर दाखिल हो सके। ताकि आपको प्रकाश के लिए लाइटें चालू न करनी पडे़ और बिजली की बचत हो सके।
लाइटिंग एंड कंट्रोल – भवन में जितने भी बिजली के उपकरण लगे होंगे, वह सभी एनर्जी एफीसेंस होने चाहिए। इसके लिए क्रेडा ने स्टार रेटिंग एपलाइंसेस ही लगाने की सुझाव दिया है। भवनों में सिर्फ एलईडी ही लगेंगे। जिससे ५० फीसदी तक बिजली की बचत हो जाएगी।
बिल्डिंग इनवलप भवन निर्माण में क्रेडा के सुझाए लाई ऐश या अन्य ब्रिक्स का उपयोग करना होगा। निर्माण कार्य में मटेरियल ऐसा चाहिए होगा जिससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहे और यह भवन के भीतर का तापमान नियंत्रित करके रखे, जिससे आप बिजली के अधिकतर उपयोग को कम कर सकें। भवन में लगने वाली ग्लास के बारे में भी नियम तय होगा।
रिन्यूबल एनर्जी जनरेटिंग जोन शहर में बनने वाले मॉल और बड़े कॉपलैक्स में अधिकतर उपकरण सौर ऊर्जा से चलाने होंगे। ताकि गैर परंपरागत बिजली पर से निर्भरता कम हो सके। सीएसवीटीयू को बड़ी जिमेदारी
नए जमाने के एनर्जी एफीसेंस भवनों के निर्माण के लिए बनाए गए नियमों की निगरानी के लिए छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय को बड़ी जिमेदारी क्रेडा ने सौंपी है। सीएसवीटीयू अब इसके काबिल एक्सपर्ट तैयार करेगा। सीएसवीटीयू एनर्जी ऑर्डिटर (बिल्डिंग) का सर्टिफिकेट कोर्स कराएगा। मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल से बीटेक ग्रेजुएट्स यह कोर्स कर ऑडिटर बनेंगे। इस ऑडिटर्स को क्रेडा से भी मान्यता होगी।