बिहार के नौकर ने जयपुर में मालिक के घर से उड़ाए 70 लाख रुपये, गांव में मां-बाप के नाम से जमीन खरीदी, फिर जो हुआ
गर्भपात कराने का वैध लाइसेंस नहीं मिला
यहां महिला का अवैध रूप से गर्भ समापन किया जाना पाया गया। जबकि डॉ. कामिल हुसैन के पास सरकार से गर्भपात करने का कोई वैध लाइसेंस नहीं था। आरोपी डॉ. कामिल का कृत्य अपराध योग्य पाए जाने पर प्रकरण दर्ज किया। गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में चालान पेश हुआ।
विशिष्ट लोक अभियोजक अदिति सेठिया ने अभियुक्त चिकित्सक के खिलाफ 12 गवाह और 16 दस्तावेज पेशकर आरोप सिद्ध किया। अदालत ने फैसले में डॉ. कामिल को धारा एमपीटी एक्ट के तहत दोषी माना। न्यायाधीश ने आरोपी को दो वर्ष के कठोर कारावास और पचास हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। न्यायालय ने चिकित्सक को धारा-420 आईपीसी में भी दोषी माना।