उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ.शंकरसिंह राठौड़ ने बताया कि पूर्व में केवल कृषि विभाग एवं आत्मा विभाग के अधिकारियों के पास ही उर्वरक एवं कीटनाशक फैक्ट्रियों, विक्रेताओं की जांच करना, नमूना लेने एवं कार्रवाई करने की शक्तियां थीं। लेकिन प्रदेश में चल रही वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने गजट जारी करते हुए प्रदेश में उद्यान विभाग के उपनिदेशक, सहायक निदेशक एवं कृषि अधिकारी स्तर के अधिकारियों को भी उर्वरक, कीट एवं बीज निरीक्षक की शक्तियां प्रदान कर अधिक से अधिक नकली बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक विक्रेताओं एवं फैक्ट्रियों की जांच कर कार्रवाई करने एवं नमूना आहरण करने के अधिकार दिए हैं। राठौड़ का मानना है कि जिले में खाद के तीन उद्योग हैं। जिनकी लगातार मोनेटरिंग की जा रही है। वहीं जिले में कुछ जगहों पर मिलते जुलते नाम से खाद की बिक्री होने की सूचना थी, लेकिन कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने किशनगढ़ में नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्री में कार्रवाई करने के बाद जिले से इस तरह के मिलते झुलते खाद गायब हो गए हैं। विभाग का जोर नकली बीज व रसायनों पर है।