चार्जिंग स्टेशन पर सब्सिडी
ईवी चार्जिंग या बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने वाले सेवा प्रदाताओं को सरकार भूमि और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। छोटे चार्जिंग स्टेशन के लिए पहले 500 स्टेशन तक 30% पूंजीगत सब्सिडी (अधिकतम 1.5 लाख रुपये), मध्यम चार्जिंग स्टेशन के लिए 300 स्टेशन तक अधिकतम 3 लाख रुपये और बड़े चार्जिंग स्टेशन के लिए पहले 200 स्टेशन तक अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के लिए पहले 300 स्टेशनों को अधिकतम 5 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने (रेट्रोफिटिंग) पर भी सरकार एक साल तक सहायता देगी। दोपहिया वाहनों की रेट्रोफिटिंग पर 5,000 रुपये प्रति वाहन, तीन पहिया पर 10,000 रुपये और कार पर 25,000 रुपये तक की मदद दी जाएगी। बस-ट्रकों के लिए सहायता तभी मिलेगी जब रेट्रोफिटिंग को ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया या इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी से मान्यता प्राप्त हो।
इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर विशेष छूट
दो पहिया, तीन पहिया, 20 लाख रुपये तक की कार और छोटे व्यवसायिक वाहनों की खरीद पर 27 मार्च 2026 तक मोटर वाहन कर और पंजीकरण शुल्क में 100% छूट दी जाएगी। ई-बसों को दो वर्ष तक मोटर वाहन कर और पंजीयन शुल्क में छूट मिलेगी, साथ ही परिवहन विभाग द्वारा परमिट में भी छूट प्रदान की जाएगी।
पांच साल के लिए लागू
ईवी पॉलिसी को पांच साल के लिए लागू किया गया है, लेकिन कर और पंजीकरण शुल्क में छूट केवल एक साल के लिए दी जाएगी। इस नई पॉलिसी से प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।