नए आयुर्वेदिक कॉलेज, यूनानी चिकित्सा की शिक्षा हिंदी में
इस दौरान सीएम ने सभा को संबोधित कर कहा कि आयुर्वेद मध्य प्रदेश की प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। आज जब पूरी दुनिया आयुर्वेद की ओर आकर्षित हो रही है, राज्य इसे आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में 56 सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें 11 नए कॉलेजों को जोड़ने की योजना है, जिससे यह संख्या 67 हो जाएगी। इन नए कॉलेजों को भारत सरकार और राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत, एक ही विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्स पढ़ाने की अनुमति दी गई है। सीएम ने कहा कि यूनानी चिकित्सा की शिक्षा अब हिंदी में भी दी जाएगी। एमपी में किसान की कलाकारी, 8 तरह के अनाज से बना दिया पीएम मोदी-ट्रंप का चित्र महाकुंभ 2028 के दौरान आयुर्वेद पर्व
सीएम ने घोषणा की कि उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद से जुड़े संस्थानों को उज्जैन में भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
उज्जैन महाकुंभ 2028 के दौरान आयुर्वेद पर्व आयोजित करने की भी योजना है। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और अंतरराष्ट्रीय वैदिक न्यायालय बनाने की घोषणा की, जो सम्राट विक्रमादित्य की न्याय परंपरा पर आधारित होगा। महाकुंभ की तैयारियों के मद्देनजर उज्जैन के विकास की दिशा में सीएम ने कहा कि हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन का विकास किया जाएगा। सभी आचार्य, संत, अखाड़ों, और आयुर्वेद में विश्वास रखने वाले संस्थानों को भूमि दी जाएगी।
सुहागरात के बाद सास ने कर दिया बहू की वर्जिनिटी पर सवाल, जानें पूरा मामला आयुर्वेद में पैरामेडिकल और नर्सिंग कोर्स
आयुर्वेद के विस्तार के लिए मुख्यमंत्री ने पैरामेडिकल और नर्सिंग कोर्स शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवा अवधि को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया गया है। साथ ही, आयुर्वेदिक क्लीनिक और नर्सिंग होम का पंजीयन अब आयुष विभाग करेगा, जिससे प्रशासनिक दिक्कतें कम होंगी।