भविष्य में इस मॉडल में रिकवर, रीडिजाइन, रीमैन्युफैक्चरिंग फॉर्मूला जोड़ा जाएगा। सभी नगर निगम को ट्रिपल आर फार्मूले के साथ अब 6 आर फार्मूला शहरों में लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।
सेग्रीगेशन सेंटर बनाने की तैयारी
बात करें भोपाल नगर निगम की तो शहर के 85 वार्ड के अंतर्गत मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में बनने वाले माल से निकलने वाले कचरे का इस्तेमाल, कॉलोनियों में घरेलू कचरे का दोबारा इस्तेमाल सिखाने वाले केंद्र और हर वार्ड में गीला सूखा कचरा, बायो वेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट, कचरे का वर्गीकरण यानी सेग्रीगेशन सेंटर बनाने की तैयारी है। निगम का दावा है कि सिक्स आर फार्मूले से शहर से हर सुबह निकलने वाला 850 मीट्रिक टन कचरा 50 प्रतिशत तक मौके पर ही मैनेज कर लिया जाएगा।
भोपाल का ये मॉडल तैयार
रिसाइकल हब: शहर में 12 स्थानों पर रिसाइकल हब बनाकर दोबारा इस्तेमाल योग्य सामग्री का पुनर्चक्रण। वेस्ट मैनेजमेंट: 600 मीट्रिक टन कचरे का रियल टाइम कलेक्शन कर प्रोसेसिंग। सीएनजी प्लांट: कचरे से सीएनजी बनाकर इसे विभागीय वाहनों में इस्तेमाल करना। पेट्रोल-डीजल बंदी: निगम के 833 वाहनों को सीएनजी में होंगे कन्वर्ट। रिमेडिएट साइट: कार्बन फुटप्रिंट और ग्रीनहाउस गैस पैदा करने वाले जैविक कचरा निपटाने 36 एकड़ में साइट।
कोकोनट प्लांट: दानापानी में 20 लाख से कोकोनट प्लांट की स्थापना। कचरा प्रबंधन के मापदंड भविष्य में 6 आर फार्मूले के हिसाब से तय किए जा रहे हैं। इस बजट में नए कामों के लिए वित्तीय प्रबंध कर लिए गए हैं।- हरेंद्र नारायण, निगमायुक्त
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केंद्र ने इससे पहले स्वच्छता के मामले में टॉप 10 में शामिल शहरों के लिए स्वच्छता सर्वे सुपर लीग घोषित की थी। इसमें भोपाल और इंदौर को शामिल किया था। दोनों शहर जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर सहित इंदौर आइआइएम में प्रजेंटेशन दे चुके हैं।
सिक्स आर फार्मूले के तहत स्वच्छता सर्वे 2026 में शहरों का मूल्यांकन होगा। इसके अंक का फार्मेट जारी होना बाकी है। फिलहाल 12500 अंकों की इस प्रतियोगिता में भोपाल में 5 में से 4 राउंड पूरे हो गए हैं।