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भोपाल

एमपी में नए सिंड्रोम पर अलर्ट, 100 संक्रमित मिलने पर मचा हड़कंप, सक्रिय हुए स्वाथ्य अधिकारी

Alert on new GUILLAIN BARRE SYNDROME GBS in MP कोरोना की त्रासदी लोग अभी भूले नहीं हैं। कोविड 19 के बाद कई नए खतरनाक रोग और वायरस सामने आ रहे हैं। अब नए गुइलेन-बैरे सिंड्रोम GUILLAIN BARRE SYNDROME यानि जीबीएस ने लोगों की नींद उड़ा दी है।

भोपालFeb 01, 2025 / 05:30 pm

deepak deewan

Alert on new GUILLAIN BARRE SYNDROME GBS in MP

Alert on new GUILLAIN BARRE SYNDROME GBS in MP

कोरोना की त्रासदी लोग अभी भूले नहीं हैं। कोविड 19 के बाद कई नए खतरनाक रोग और वायरस सामने आ रहे हैं। अब
नए गुइलेन-बैरे सिंड्रोम GUILLAIN BARRE SYNDROME यानि जीबीएस ने लोगों की नींद उड़ा दी है। महाराष्ट्र में इसके केस तेजी से बढ़ रहे हैं। जीबीएस को लेकर देशभर की तरह एमपी भी अलर्ट मोड पर है। पुणे में 100 से ज्यादा संक्रमित सामने आने के बाद हड़कंप सा मचा है। महाराष्ट्र से सटा होने के कारण प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारी अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए इस सिंड्रोम से उपजी स्थिति पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं। जीबीएस को देखते हुए प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
महाराष्ट्र में दुर्लभ बीमारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम GUILLAIN BARRE SYNDROME यानि जीबीएस के संक्रमित लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पुणे में जहां 100 से ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं वहीं सोलापुर में इससे एक मौत भी हुई है। इसके बाद देशभर में जीबीएस को लेकर अलर्ट है।
एमपी में इस संक्रमण को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। विशेष रूप से महाराष्ट्र से लगे इलाकों में स्वास्थ्य अधिकारियों की गहरी नजर है। डॉक्टर्स और विशेषज्ञ बताते हैं कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम दुर्लभ तंत्रिका तंत्र विकार है। इसके असर से मांस पेशियों में कमजोरी आ सकती है, उल्टी दस्त, पेट दर्द, बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे सुन्नता और पैरालिसिस होने की भी आशंका रहती है। ऐसे लक्षण सामने आने पर चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए।
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भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार जीबीएस को देखते हुए हम अलर्ट हैं। अस्पतालों में इसके लक्षणों को देखते हुए स्क्रीनिंग भी कर रहे हैं। डॉ. तिवारी के मुताबिक मांसपेशियों में खिंचाव के साथ कमजोरी महसूस होनेपर डॉक्टर्स से परामर्श लेना उचित होगा।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी यह भी कहते हैं कि जीबीएस से घबराना नहीं चाहिए। इसका इलाज आसान है। समय पर बीमारी पता चलने और उपचार शुरु होने पर अधिकतर रोगी दो सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। केवल हल्की सी कमजोरी बनी रहती है।
डॉक्टरों ने बताया- कैसे करें बचाव
पानी उबालकर पिएं।
खुला या बासा भोजन न करें।
चीज और पनीर को खूब धोएं और अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
अपनी इम्युनिटी को देखते हुए खाद्य पदार्थ खाएं।
मांस का सेवन न करें।
भोजन से पहले हाथों को बहुत अच्छे से धोएं।

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