एमपी के नगरीय विकास विभाग ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में लीगेसी वेस्ट के निपटान की कार्य योजना तैयार की है। अगले 3 सालों में यह कार्य शत-प्रतिशत किए जाने का प्लान बनाया गया है।
इंदौर में गोबरधन बॉयो सीएनजी प्लांट इकाई के माध्यम से रोज 500 टन क्षमता का अत्याधुनिक प्लांट संचालित किया जा रहा है। इस प्लांट से वेस्ट-टू-वेल्थ तथा सर्कुलर इकॉनामी की परिकल्पना साकार हुई है। प्लांट से सीएनजी के अलावा उच्च गुणवत्ता की 100 टन खाद भी रोज तैयार की जा रही है। खेतों में इसका उपयोग किया जा रहा है जिससे रासायनिक उर्वरकों की जरूरत कम हुई है।
360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटीज
प्रदेश के 405 नगरीय निकायों में कम्पोस्टिंग इकाइयों के माध्यम से गीले कचरे का प्र-संस्करण किया जा रहा है। 360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटीज के माध्यम से सूखे कचरे का प्र-संस्करण भी किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में अब तक 50 निकायों के शत-प्रतिशत लीगेसी वेस्ट अपशिष्ट का प्र-संस्करण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अब द्वितीय चरण में 108 नगरीय निकायों में लीगेसी अपशिष्ट के प्र-संस्करण का काम चल रहा है।
5 सालों की कार्ययोजना बनाई
स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के अंतर्गत एमपी के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए 5 सालों की कार्ययोजना बनाई गई है। कचरा मुक्ति तथा अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए 4 हजार 914 करोड़ रूपए की योजनाओं की स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है। इस कार्य के लिए नगरीय विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में करीब 473 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।