दरअसल, दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों, जैसे थाईलैंड और म्यांमार में भारतीय युवाओं को मोटी सैलरी का झांसा देकर बुलाया जाता है। वहां पहुंचने के बाद उन्हें साइबर गुलामी में धकेल दिया जाता है, जहां 24 घंटे निगरानी में रखकर 18-18 घंटे जबरन काम कराया जाता है। इन युवाओं से साइबर ठगी करवाई जाती है और हर महीने टारगेट दिया जाता है।
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नौकरी बदलने की कोशिश में भोपाल के अंकित कुमार एक फर्जी वेबसाइट के झांसे में आ गए। साइट पर क्लिक करते ही उन्हें फोन आया और देश-विदेश की नौकरियों का लालच दिया गया। सीवी भेजने के बाद ठग ने ‘अपडेटेड सीवी’ भेजा, जिसे खोलते ही उनका फोन हैक हो गया और वो साइबर ठगी का शिकार बन गए।
सावधान रहें
-किसी अनजान वेबसाइट पर सीवी न भेजें। -सोशल मीडिया से मिले ऑफर पर तुरंत भरोसा न करें। -विदेश जाने से पहले भारतीय दूतावास से पुष्टि करें। -एजेंट तक की पूरी जांच करें। यह भी पढ़ें- एमपी में दलित युवक बेरहमी से हत्या, जमीन विवाद में लाठियों से पीट पीटकर मार डाला सतर्क रहने की जरूरत
इस संबंध में मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल के डीआइजी यूसुफ कुरैशी का कहना है कि, युवाओं को नौकरी के नाम पर हो रही ठगी से खास सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस संबंध में साइबर पुलिस की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है।