बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी बनेगा। इस पार्क के साथ आइटी पार्क में एवीजीसी कंपनियों को रियायती दरों पर स्टूडियो बनाने के लिए स्थान दिया जाएगा। उन्हें लीज रेंट से लेकर इंटरनेट चार्ज आदि पर भी छूट दी जाएगी। सरकार इस क्षेत्र के 50 करोड़ से अधिक के निवेश करने वाले बड़े प्रोजेक्ट को कस्टमाइज पैकेज भी दिया जाएगा। इसमें पॉलिसी में तय इंसेंटिव से भी ज्यादा का पैकेज दिया जा सकेगा।
प्रदेश में ही बनने वाली एनिमेशन फिल्मों आदि को भी सरकार सब्सिडी देगी। यह प्रावधान एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स एंड एक्सटेंडेड रियलिटी- एवीजीसी- एक्सआर पॉलिसी में किए गए हैं। इस पॉलिसी को हाल ही में कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
ये रहेगी पॉलिसी
एवीजीसी में निवेश करने पर जमीन में कलेक्टर गाइडलाइन के रेट से 75 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। सरकार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगी। इससे निवेशकों को तकनीकी और संसाधनों की मदद मिलेगी। यह पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। नए निवेशक को कुल निवेश की 25 फीसदी और अधिकतम 50 लाख सब्सिडी दी जाएगी। यह 5 करोड़ से अधिक निवेश करने और कम से कम प्रदेश में 50 लोगों को रोजगार देने पर दी जाएगी।
15 हजार वर्ग फीट से अधिक का ऑफिस स्पेस लेने पर तीन साल तक लीज रेंट का 25 प्रतिशत और अधिकतम 10 लाख रुपए जो भी अधिक हो वापस किया जाएगा। एवीजीसी कंपनी को तीन साल तक 50 हजार रुपए प्रति वर्ष इंटरनेट पर हुआ खर्च भी सरकार वापस करेगी। प्रदेश में एनिमेटेड फिल्म बनाने पर प्रति कंपनी 35 फीसदी राशि वापस होगी।
मोबाइल या नॉन मोबाइल गेम बनाए जाने पर प्रति कंपनी तीन प्रोजेक्ट के लिए 25 फीसदी राशि वापस की जाएगी।अंतरराष्ट्रीय एनिमेटेड सीरीज बनाने पर प्रति कंपनी 2 करोड़ तक के तीन प्रोजेक्ट के लिए 35 फीसदी राशि वापस की जाएगी।
अधिकारियों के पॉलिसी में प्रमुख प्रावधान के मुताबिक सरकार 2029 तक 250 एवीजीसी-एक्सआर कंपनियों को बनाने और विस्तार करने में मदद करेगी। इस क्षेत्र में 50 हजार रोजगार सृजित करने और आवश्यक योग्य पेशेवरों की शिक्षा, कौशल और अप स्किलिंग प्रदेश में की जाएगी।