कमलनाथ ने कहा कि मार्च 2019 में जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार ने प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण (OBC Reservation) देने का निर्णय लिया था। हालांकि, इसके बाद कुछ पदों पर इस आरक्षण को लागू करने पर हाईकोर्ट ने स्टे लगाने का आदेश दिया था। इसके बावजूद उनकी सरकार ने विधानसभा से कानून पारित कर ओबीसी आरक्षण को लागू करने की दिशा में मजबूत कदम उठाए थे।
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कमलनाथ ने
भाजपा सरकार पर ओबीसी आरक्षण को लेकर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद ओबीसी आरक्षण को कमजोर करने की कोशिशें की गईं। उनका आरोप है कि कोर्ट का आदेश केवल कुछ पदों पर लागू था, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू कर ओबीसी आरक्षण के हक को नुकसान पहुंचाया।
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कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश सरकार को तुरंत 27% ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को सभी भर्ती प्रक्रियाओं में लागू करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि अब जब हाईकोर्ट ने आरक्षण विरोधी याचिका को खारिज कर दिया है, तो राज्य सरकार को किसी भी देरी के बिना इसे प्रभावी करना चाहिए।