इस मामले की सुनवाई राजधानी के एमपी नगर अनुविभागीय दंडाधिकारी न्यायालय में हुई। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए एसडीएम एलके खरे ने बेटे को समझाइश देते हुए वृद्ध मां को राहत दिलाई।
लग्जरी गाड़ियां खरीदीं, मां ने भरी ईएमआई
पिता की मौत के बाद विलासिता पर बेटे प्रणव ने खर्च कर घर भी बेच दिया। मां के भरण पोषण की जिमेदारी तो दूर, उलटा महंगी लग्जरी गाडिय़ों और टीवी, वाशिंग मशीन जैसी चीजें मां के नाम लोन पर ले लीं। वृद्धा ने आरोप लगाए कि बेटे के चलते उनकी एफडी भी तोडऩी पड़ीं।
ये है मामला
भोपाल के प्रेमनगर बीडीए रोड में रहने वाली गौरी घोष (65) ने बेटे पर भरण पोषण में कोताही बरतने की याचिका दर्ज की। उन्होंने बताया, पति के निधन के बाद वे 30 हजार रुपए पेंशन से गुजारा कर रही हैं। बेटे प्रणव ने अपनी जिमेदारियां नहीं संभाली। नकद व लोन लेकर सारी जमापूंजी भी खर्च कर डाली। वृद्धा ने एसडीएम कोर्ट से बेटे को जिमेदारी निभाने की समझाइश देने की मांग की।