सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्यटकों के लिए वेलनेस सुविधाएं बढ़ाने के लिए समिट की है। वे यहां आएंगे तो उन्हें वन्य जीव पर्यटन, धार्मिक पर्यटन के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलेंगी। इससे प्रदेश का मेडिकल टूरिज्म बढ़ेगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
पर्यटन को बढ़ावा देने हुए एमओयू
कार्यक्रम में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए सिग्निफाइंग और टूरिज्म बोर्ड के बीच 61 गांवों में एलईडी एवं सोलर लाइट्स लगाने के लिए एमओयू का आदान प्रदान किया गया। साथ ही स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी और टूरिज्म बोर्ड के बीच फिल्म निर्माण एवं डिजिटल प्रमोशन के लिए एमओयू तथा एमपी टूरिज्म बोर्ड एवं एमपीएसईडीसी के बीच एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। 121 गांवों में आलीशान होम-स्टे
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र लोधी ने बताया कि एमपी में पिछले साल 13 करोड़ 41 लाख से ज्यादा पर्यटक आए। प्रदेश के 121 गांवों में 241 आलीशान होम-स्टे तैयार किए गए हैं। इतना ही नहीं, सरकार ने 1000 होम-स्टे बनाने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि विलेज टूरिज्म को बढ़ाते हुए हम मध्यप्रदेश को पर्यटन में देश में नंबर-1 बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
ग्रामीण परिवेश, पारंपरिक भोजन, स्थानीय गीत-संगीत का आनंद
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर आलीशान होम-स्टे बनाए जा रहे हैं। बांधवगढ़, कान्हा और पेंच राष्ट्रीय उद्यानों सहित अन्य कई जिलों के पर्यटन स्थलों पर होम-स्टे शुरू हो गए हैं। यहां पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश, पारंपरिक भोजन, स्थानीय संस्कृति और गीत-संगीत का आनंद मिल रहा है। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन की भूमिका पर प्रकाश डाला। अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास दीपाली रस्तोगी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।