एमपी में कैसे मिलता है ग्रेच्युटी?
मध्यप्रदेश में कर्मचारी की अंतिम सैलरी के आधार पर ग्रेच्युटी निर्धारित की जाती है। इसमें अंतिम सैलरी को 16 से गुणा किया जाता है, लेकिन इसकी सीमा अधिकतम 20 लाख रुपए है। केंद्र सरकार द्वारा ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने के बाद मध्यप्रदेश में भी इसे 25 लाख रुपए किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
राज्य कर्मचारी संघ के महामंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा। पड़ोसी राज्यों जैसे राजस्थान में पहले ही ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाई जा चुकी है। मध्यप्रदेश के कर्मचारी DA में केंद्र के कर्मचारियों से केवल 3% पीछे हैं। माना जा रहा है कि अगस्त में DA समान होने के बाद ग्रेच्युटी पर भी सरकार विचार कर सकती है।
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प्रदेश में कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की बहाली और ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने जैसी 51 सूत्रीय मांगें उठाई जा रही हैं। कर्मचारी संघ का कहना है कि इन मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। ग्रेच्युटी का लाभ सिर्फ सरकारी नहीं, बल्कि प्राइवेट कर्मचारियों को भी मिलता है। हालांकि, इसके लिए न्यूनतम 5 साल तक एक ही कंपनी में सेवा अनिवार्य है। प्राइवेट सेक्टर में ग्रेच्युटी की सीमा नौकरी छोड़ने, रिटायरमेंट, या कंपनी की नीतियों पर निर्भर करती है।