मैन्युफैक्चर्ड रेत क्या है?
मैन्युफैक्चर्ड रेत, जिसे एम-सेंड भी कहा जाता है, कृत्रिम रूप से निर्मित रेत है। इसे कठोर ग्रेनाइट पत्थरों या चट्टानों को विशेष मशीनों द्वारा कुचलकर तैयार किया जाता है। इसकी बनावट और गुणवत्ता प्राकृतिक नदी रेत के समान होती है। यह निर्माण कार्यों में बेहतर मजबूती और टिकाऊपन प्रदान करती है। यह भी पढ़ें- Heatwave Alert in MP : 42 डिग्री के पार पहुंचा पारा, 7 और 8 अप्रैल को लू की चेतावनी भोपाल के आसपास एम-सेंड के 17 प्लांट
भोपाल के आसपास एम-सेंड के 17 प्लांट स्थापित हो चुके हैं। प्रदेशभर में इनकी संख्या 75 के करीब है। हालांकि इसके लिए ग्रेनाइट पत्थरों की बाहर से आपूर्ति कराई जाती है। जिले में बलुआ, बेसाल्ट व लाइन स्टोन ज्यादा है। भोपाल में रेत के रोजाना 150 ट्रक की मांग है। माह में दो करोड़ रुपए की कमाई इससे होती है।
एम-सेंड की कीमत कम, इसलिए बढ़ी रुचि
एम-सेंड 30 रुपए प्रति घन मीटर तक मिलती है, जबकि सामान्य रेत की दर 50 रुपए घन मीटर है। प्रति घन मीटर करीब 15 से 20 रुपए का लाभ होने से इसका कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। यह भी पढ़ें- अप्रैल में पड़ रही लंबी छुट्टी, सिर्फ एक दिन लीव लेकर मनाएं लंबा वीकेंड 60% तक एम-सेंड का इस्तेमाल
इस संबंध में एमपीआरडीसी के सीईओ आर.के सिंह का कहना है कि, हमारे प्रोजेक्ट में कम से कम 50 से 60 फीसदी तक एम-सेंड का उपयोग कर रहे हैं। इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। चुनाई तो इससे करते ही हैं, अब प्लास्टर में भी इसका उपयोग बढ़ाया जा रहा है।