सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश को विकसित एवं समृद्ध राज्य बनाने के लिए औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 को मंजूरी दी है। इसके तहत 10 सेक्टर विशिष्ट नीतियों यथा कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, टेक्सटाइल नीति, परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्यूटिकल्स नीति, बायोटेक्नोलॉजी नीति, मेडिकल डिवाइसेस नीति, ईवी विनिर्माण नीति, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति और हाई वेल्यू-एड विनिर्माता नीति को भी स्वीकृत किया है। इनमें किए गए बदलाव निवेशकों और मध्य प्रदेश दोनों के लिए कल्याणकारी होंगे।
शीर्ष समिति गठित
जीआइएस के सफल आयोजन के लिए शीर्ष समिति गठित की गई है। अध्यक्ष सीएम होंगे। दोनों उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल को सदस्य बनाया है। समिति में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद वीडी शर्मा, मंत्री चैतन्य काश्यप, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, भोपाल जिपं अध्यक्ष रामकुंवर नौरंग सिंह गुर्जर, सीएस अनुराग जैन, पीएस मनीष रस्तोगी, पीएस राघवेंद्र कुमार सिंह, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े और औद्योगिक नीति निवेश एवं प्रोत्साहन विभाग के प्रबंध संचालक चंद्रमौली शुक्ला को सदस्य बनाया है।
निर्यात नीति, 2 करोड़ तक मिलेगी प्रोत्साहन राशि
वृहद श्रेणी की विनिर्माता इकाइयों द्वारा उत्पादन का 25% से अधिक निर्यात करने पर निर्यात प्रोत्साहन सहायता। पहली बार निर्यात करने वाली इकाइयों के लिए पंजीकरण सह-सदस्यता प्रमाणन का सहयोग 10 लाख व निर्यात बीमा प्रीमियम की अधिकतम राशि 25 लाख दी जाएगी। निर्यात भाड़ा सहायता के रूप में फैक्टरी परिसर से बंदरगाह, एयर कार्गों, अंतरराष्ट्रीय सड़क मार्ग तक माल ले जाने के लिए व्यय की 50% तक प्रति की जाएगी, जो 2 करोड़ तक होगी। निर्यात वित्तीय सहायता मे लिए कर्ज पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान 5 वर्षों तक अधितम 50 लाख दिए जाएंगे। एचजीवी सेक्टर्स (फर्नीचर ट्रांसपोर्ट, आदि) एवं वैश्वि बाजार स्तर पर निर्यात की गई वस्तुओं (एलेक्ट्रॉनिक्स मशीनरी, अप्लाइन्स आदि) के लिए फ्री ऑन बोर्ड वैल्यू का 5% की अतिरिक्त सहायता अधिकतम 30 लाख के आधार पर 5 वर्ष तक प्रोत्साहन सहायता।
फिल्म एवं प्रमोशन नीति
फीचर फिल्म पर दो करोड़, वेब सीरीज पर 1.50 करोड़, टीवी-शो सीरियल के लिए एक करोड़, डॉक्यूमेंट्री के लिए 40 लाख, अंतरराष्ट्रीय स्तर की फिल्म बनाने के बदले 10 करोड़ का प्रोत्साहन दिया जाएगा। शार्ट फिल्मेें बनाने पर 15 लाख रुपए मिलेंगे। इन सब में शर्त होगी कि कुल शूटिंग का 75% हिस्सा मप्र में शूट किया गया हो। मालवी, बुंदेलखंडी, बघेलखंडी, निमाड़ी, गोंडी, भीली, कोरकू जैसी स्थानीय बोली पर फिल्म बनाने वालों को भी अनुदान दिया जाएगा।
पर्यटन नीति- 90 साल के लिए मिलेगी जमीन
गोल्फ, कन्वेंशन सेंटर, वेलनेस रिसोर्ट, क्रूज, अंतरप्रदेशीय वायु सेवा, हेरिटेज होटल, रोप-वे, म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो आदि के निर्माण कर सकेंगे। अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं (निवेश 100 करोड़ से अधिक) को कलेक्टर गाइडलाइन दर पर 90 वर्षों के लिए जमीन मिलेगी। राज्य में किसी भी स्थान पर पर्यटन परियोजनाओं के लिए 15 फीसद से 30 फीसद अधिकतम रुपए 90 करोड़ तक का पूंजी अनुदान प्रदाय किया जाएगा। इलेक्ट्रिक क्रूज 5%, दुर्गम दूरस्थ नए क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 5% अनुदान। निजी निवेशकों को लैंड पार्सल मार्ग सुविधा केंद्रों और हेरिटेज संपतियां दी जा सकेंगी। वाइल्ड लाइफ रिसार्ट के लिए अनुदान। अविकसित नए क्षेत्रों में निवेश कर पर्यटन परियोजनाएं स्थापित होंगी। गोल्फ टूरिज्म को बढ़ावा देने पीपीपी के तहत निजी निवेश को अनुबंध पर दिया जाएगा। नर्मदाघाटी विकास प्रा., जल संसाधन विभाग, लोनिवि के रेस्ट हाउस, गेस्ट हाउस, डाक बंगला, सर्किट हाउस आदि को पर्यटन परियोजना की स्थापना के लिए लीज पर दिया जाएगा।
लॉजिस्टिक नीति- पार्क के लिए 75 करोड़ की मदद
लॉजिस्टिक पार्क की सुविधा 25 एकड़ से 75 एकड़ क्षेत्र मे विकसित करने पर अधिकतम 50 करोड़ और 75 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर विकसित करने पर अधिकतम 75 करोड़ की सहायता मिलेगी। आइजीबीसी ग्रीन लॉजिस्टिक्स पार्क और गोल्ड एवं प्लैटिनम प्रमाणन के लिए वेयरहाउस सर्टिफिकेशन के लिए 50 फीसद तक की सहायता, अधिकतम 20 लाख तक प्रदाय की मिलेगी। सड़क व रेल अधोसंरचना विकास के लिए व्यय की गई राशि की 50 फीसदी प्रतिपूर्ति, अधिकतम 5 करोड़ रुपए की सीमा तक मिलेगी। प्राइवेट फ्रीट टर्मिनल, गति शक्ति कार्गो टर्मिनल, कंटेनर फ्रीट स्टेशन और एयर कार्गों कॉ्पलेक्स के निर्माण पर भी वित्तीय सहायता। 5 से 10 एकड़ तक के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 5 करोड़ रुपए, 10 से 50 एकड़ के क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 15 करोड़ रुपए और 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर निर्माण पर अधिकतम 25 करोड़ रुपए की सहायता के साथ ही अन्य लाभ दिए जाएंगे।
सकारात्मक पहल
इंडस्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स के लिए पब्लिक फैसेलिटी, बिजली के मिनीमम चार्जेस को खत्म करने जैसी कई मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित कराते रहते हैं। हमने सीएनजी पर वैट कम करने, फायर एनओसी की अनिवार्यता खत्म करने मांग की है। इस पर सकारात्मक पहल हुई है। उद्योग संवर्धन नीति में सरकार ने उद्योग हित में कई घोषणाएं की हैं, इनका हम स्वागत करते हैं। -राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज, मंडीदीप
ट्रांसफॉर्मर सेक्टर को बढ़ावा मिले
प्रदेश सरकार उद्योग हित में कई कदम उठाने जा रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सहित बाहर के उद्योगों को यहां लाने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसका आने वाले दिनों में काफी फायदा मिलेगा। रोजगार बढ़ेगा। इसी तरह के प्रयास होते रहे तो मध्यप्रदेश औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में अन्य राज्यों की तुलना में काफी आगे निकल जाएगा। जहां तक गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज सेक्टर की बात है तो यहां ट्रांसफार्मर के क्षेत्र में देश का नंबर वन हब है। यदि सरकार गुजरात की तरह यहां ट्रांसफार्मर सेक्टर को बढ़ावा दिया जाए तो इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।