मंत्री डॉ. विजय शाह के मुताबिक छात्र-छात्राओं के लिए मात्र स्कूल या शिक्षण संस्थान ही नहीं बल्कि रहने के लिए होस्टल भी जरूरी हैं। अभियान में प्रदेश में ऐसे 1296 गांव चिन्हित किए गए हैं जहां 5 किमी के दायरे में एक भी मिडिल स्कूल नहीं है। ऐसे में इन इलाकों में होस्टल का निर्माण किया जाएगा।
38 और होस्टल की स्वीकृति का प्रस्ताव भेजा
जनजातीय छात्र छात्राओं के लिए विद्यालय रहित चिन्हित गांवों में केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक 51 होस्टल के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें 22 होस्टल के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और निविदा प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। शेष 29 होस्टल के लिए डीपीआर तैयार है। छात्रावास गति शक्ति पोर्टल के अनुसार इसके अलावा 38 और होस्टल की स्वीकृति का प्रस्ताव भारत सरकार के पास स्वीकृति के लिये भेजा है। इस पर प्रति यूनिट 2.3 करोड़ की दर से कुल 117.30 करोड़ की लागत की कार्य योजना तैयार की गई है।
24 जिलों में बनेंगे होस्टल
मंत्री डॉ. विजय शाह ने बताया कि अभियान में जनजाति छात्रावासों के लिए प्रदेश के 24 जिलों के 1296 गांव चिन्हित किए गए हैं। छात्रावासों के निर्माण के लिए तीन चरणों में स्वीकृति प्रस्ताव चलन में हैं।