झांकी में यहां पर जन्मे नन्हें चीता शावकों, कूनो नदी और वन्य-जीव (हिरण, बंदर, पक्षी) आदि को दिखाया गया है। झांकी के दोनों ओर नृत्य दल श्योपुर जिले का सहरिया जनजाति नृत्य ‘लहंगी’ करते हुए नजर आएंगे। यह झांकी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो के समुख से गुजरेगी। प्रदेश सरकार ने इस झांकी पर सितंबर माह से काम करना शुरू किया था, जिसके लिए करीब 25 लाख का बजट रखा गया है।
विशेषज्ञों ने तैयार कराया नृत्य
‘लहंगी’ नृत्य की इस प्रस्तुति में 14 नृत्यकार भाग ले रहे हैं। इनकी उम्र 40-60 साल के बीच में है। यह नृत्य रक्षाबंधन के मौके पर किया जाता है। नृत्यकार इसकी रिहर्सल 15 दिसंबर से लगातार भोपाल में विशेषज्ञों के निर्देशन में कर रहे हैं। इस साल रक्षा मंत्रालय के समझ इन झांकियों को भी किया गया था प्रस्तावित-
- सांस्कृतिक विरासत, आस्था और काल गणना का केन्द्र उज्जैन: इसमें महाकाल महालोक की भव्यता दिखाई गई थी, साथ ही विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को दिखाया गया था।
- विकास का नया सवेरा- इसमें मप्र की नदियों की महिमा दिखाते गई थी। साथ में नदी जोड़ो परियोजनाओं को मुख्य रूप से दर्शाया गया। परियोजनाएं के लक्ष्य और उद्देश्यों रेखांकित किए गए।
- आध्यात्मिक विरासत को संजोता मध्यप्रदेश: इसमें राम वन पथ गमन और कृष्ण पाथेय की अलौकिकता को दिखाया गया है। यह झांकी पौराणिक महत्व और पर्यटन को संजोए हुए हैं।
2021 से 2024 के बीच इन झांकियों के प्रस्तावित किया गया था
2023 के विषय
- विकास का मूलमंत्र- आत्मनिर्भर स्त्री (इसका चयन हुआ था)
- प्रदेश का विकास – मेट्रो ट्रेन
3.लोकतांत्रिक मूल्यों में अग्रणी मध्यप्रदेश - नवाचार और आधुनिक तकनीकों से समृद्ध कृषि से विकसित भारत
2023 के विषय- (किसी का भी चनय नहीं हुआ)
- मध्यप्रदेश में महाकाल लोक एवं धार्मिक पर्यटन
- खजुराहो मंदिर
- चीता पुनर्स्थापन एवं वन्यप्राणी संरक्षण
- मध्यप्रदेश में महिला स्व सहायता समूह आंदोलन
2022 के विषय- (किसी का भी चयन नहीं हुआ)
- मध्यप्रदेश में महाकाल लोक एवं धार्मिक पर्यटन
- खजुराहो मंदिर
- चीता पुनर्स्थापन एवं वन्यप्राणी संरक्षण
- सीएम राइज़ स्कूल
- मध्यप्रदेश में महिला स्व सहायता समूह आंदोलन
- मिशन मिलेट्स वर्ष-2023
2021 के विषय
आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होता मध्यप्रदेश