शहर और गांवों को लेकर कौन- कौन सी गाड़ियां खरीदी जाएंगी। इसको लेकर विस्तार से चर्चा अभी बाकी है। वित्त व गृह विभाग ने प्रस्ताव कैबिनेट में रखने का फैसला लिया है।
वित्त विभाग से मिली स्वीकृति
पीएचक्यू की ओर से बनाए गए प्रस्ताव पर एसीएस होम एसएन मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई। जहां से प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा कर वित्तिय स्वीकृत के लिए भेजा गया। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग से भी स्वीकृति मिल चुकी है। वित्त विभाग ने स्वीकृति देकर प्रस्ताव को फिर से गृह विभाग के पास भेज दिया है। अब किसी भी कैबिनेट में प्रस्ताव को रखा जा सकता है।
नए टेंडर में बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं
-गांव-शहर के लिए अलग-अलग हाईटेक वाहनों का होगा चयन। -कॉल सेंटर से फोन उठाने वालों की संख्या में होगा इजाफा। -गाड़ियों में होगी मैपिंग की सुविधा, जिससे लोकेशन ट्रैस करना हो आसान। -वाहनों पर सीसीटीवी कैमरे और पुलिसकर्मियों को दिए जाएंगे बॉडीवार्न कैमरे।
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नए वाहनों को लेकर साल 2021 से चल रही टेंडर प्रक्रिया को सरकार ने रद्द कर दिया था। इसके बाद 2024 में फिर पीएचक्यू की ओर से नए सिरे से डीपीआर तैयार कराया गया है।
डीजी कमेटी में बनेंगी टेंडर की शर्ते
कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद पीएचक्यू एक कमेटी बनाएगी जोकि टेंडर से जुड़ी शर्तें जैसे गाड़ियों का ग्राउंड क्लियरेंस, मॉडल तय करेगी। कमेटी की सिफारिश पर टेंडर जारी होंगे।