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पीक ऑवर में महंगी हुई बिजली, स्मार्ट मीटर वालों को मिलेगी 20% छूट राज्य(MP News) में बेरोजगारों की दर्ज संख्या 29 लाख से ज्यादा है। लाखों युवा बेरोजगार हैं। सरकार नाम बदलकर यह मान रही है बेरोजगारों को बेहतर महसूस होगा तो यह सरकार की गंभीरता पर ही सवाल खड़े करता है। पिछले साल जुलाई में बेरोजगारों की संख्या 25 लाख थी, दिसंबर में संख्या बढ़कर 26 लाख हो गई। अब 29 लाख से ज्यादा ‘आकांक्षी युवा’ हो गए।
पोर्टल में बेरोजगारों और रोजगार कर रहे दोनों वर्ग के युवाओं के नाम हैं। इन्हें आकांक्षी श्रेणी में रखा गया है। यदि कोई युवा जॉब में है, फिर भी जॉब की उम्मीद रखता है तो आकांक्षी कहा गया है। –गौतम टेटवाल, मंत्री कौशल विकास एवं रोजगार
ऑफर लेटर केसाथ ही इतिश्री
मध्यप्रदेश में कितने लोगों को रोजगार मिला, इसका आकड़ा तो सरकार के पास नहीं है, लेकिन यह आंकड़ा जरूर है कि रोजगार मेलों पर औसतन प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपए खर्च हुए। रोजगार के स्थान पर ऑफर लेटर दिए जाने का रिकार्ड सरकार रखती है। ऑफर लेटर के बाद कितनों ने ज्वाइन किया सरकार के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा सरकार यह भी पता नहीं करती है कि रोजगार मेलों में शामिल हुए जिन युवाओं को ऑफर लेटर दिया गया है, उनमें से कितनों ने ज्वाइन किया है और इनमें से कितने वहां कार्यरत हैं। चार साल में कुल 2709 रोजगार मेले लगाए गए। इन पर 465.84 लाख रुपए खर्च हुए। ये भी पढें –
भोपाल में यहां की जमीन सबसे महंगी, नई कलेक्टर गाइडलाइन में 1283 क्षेत्रों में हुई दर वृद्धि अब फिर पांच साल में ढाई लाख युवाओं को नौकरी का वादा
पिछले वर्ष युवाओं से वादा किया गया था कि एक साल में एक लाख सरकारी पदों पर नौकरी दी जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन एक लाख पदों पर नौकरी नहीं मिल सकी। अब पांच साल में ढाई लाख नौकरी का वादा किया गया है। अब युवाओं को उम्मीद है कि सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नौकरी मिलेगी। उनकी सरकारी नौकरी का सपना पूरा होगा।