प्रदेश में कारखानों में महिलाओं को रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की अनुमति दी गई है। इसी तरह दुकानों और वाणिज्यिक संस्थानों में रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक कार्य करने के मंजूरी प्रदान की गई है।
राज्य सरकार ने रात की पाली (नाइट शिफ्ट) में महिलाओं के काम करने की अनुमति पुख्ता सुरक्षा उपायों और विशेष नियम व शर्तों को लागू करते हुए दी है। कारखानों में इसके लिए नियोजकों को महिलाओं की लिखित सहमति लेना होगा। इसके साथ ही कम से कम 5 महिलाओं के समूह में ही उन्हें काम पर लगाया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें : सोनम का जीते जी हरिद्वार में करना होगा पिंडदान, भाई गोविंद रघुवंशी की बड़ी अग्निपरीक्षा राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 एवं कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत यह अनुमति दी है। कारखानों, दुकानों एवं वाणिज्यिक संस्थानों में रात में महिलाओं से काम कराने के लिए सख्त शर्तों का पालन करना होगा।
सुपरवाइजरी स्टाफ का एक-तिहाई हिस्सा महिलाएं
महिलाओं के रात की पाली में काम कराने के लिए प्रतिष्ठानों को लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा। उन्हें सुरक्षित वातावरण, शौचालय, वॉशरूम, पेयजल और विश्राम कक्ष जैसी सुविधाएं मुहैया कराना होगा। महिला सुरक्षाकर्मियों (गार्डस) की व्यवस्था करनी होगी। रात में सुपरवाइजरी स्टाफ का एक-तिहाई हिस्सा महिलाएं होंगी।