फील्ड अफसरों की तबादला सूची पर भी इसी आधार पर तैयार की जाएगी। यह सब पुलिस मुख्यालय की नई व्यवस्था में होने जा रह है। पुलिस का रवैया जानने के लिए मुख्यालय ने प्रदेशभर के थाने में क्यूआर कोड लगाने के आदेश दिए हैं।
इस कोड को मोबाइल से स्कैन करते ही आम जनता संबंधित थाने की कार्यप्रणाली का फीडबैक देगी। यदि कोई मामला लंबित है तो उस पर चल रही पुलिस की कार्यवाही की जानकारी भी मिल जाएगी। इसकी निगरानी जिला स्तर पर एसपी और प्रदेश स्तर पर मुख्यालय करेगा।
फीडबैक सर्वे में पूछे जाएंगे ऐसे सवाल
● नाम और मोबाइल नंबर ● थाने में किस वजह से आए ● थाने में किससे मिले थे ● समस्या को लेकर थाने से कैसी प्रतिक्रिया मिली? ● थाने में पूरी व्यवस्था जैसे- पेयजल, शौचालय, साफ-सफाई आदि कैसी थी ?
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थानों में क्यूआर कोड के जरिए जनता से फीडबैक लेने का काम देवास जिले से शुरू किया गया। पायलट प्रोजेक्ट में शामिल जिले के सभी 21 थानों में क्यूआर कोड लगाए गए। जनता इसके जरिए सीधे अपनी राय और शिकायतें एसपी तक पहुंचा रही है। पुलिसिंग को बेहतर बनाने के लिए जिला पुलिस का फीडबैक पहले ही सरकार ले रही है। वल्लभ भवन भोपाल से इसका संचालन हो रहा है। फीडबैक सर्वे में कॉलर सीधे जिले के किसी भी नंबर में फोन कर 8 सवालों के जरिए जिला पुलिस की कार्यशैली बता रही है।
(नोट: क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग सहित अन्य सवाल भी पूछे जाएंगे। चार विकल्पों में से एक भरकर फीडबैक देना होगा। इसके बाद फीडबैक के आधार पर थानों और जिला पुलिस की रैकिंग होगी।)