फिलहाल 10 से 15 प्रतिशत टैक्स वृद्धि करने के साथ नगर निगम ने माली हालत ठीक करने की मुहिम को शुरू की है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्रदेश के सभी नगर निगम क्षेत्र में राजस्व आय बढ़ाने की मुहिम चलाई जा रही है।
कलेक्टर गाइडलाइन की नई दरें लागू
फिलहाल नगरीय निकाय क्षेत्रों में बरसों से सीमित अनुपात में टैक्स राशि लिए जाने की प्रकिया जारी है। नए फार्मूले से टैक्स में अत्यधिक वृद्धि होने की आशंकाओं के बीच निगम अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि बीच की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। भोपाल नगर निगम के 85 वार्ड में हाल ही में कलेक्टर गाइडलाइन की नई दरें लागू हुई हैं। यदि नगर निगम इन गाइडलाइन के हिसाब से हर वार्ड का अपना टैक्स फॉर्मेट तय करता है तो मौजूदा टैक्स चार गुना तक महंगा हो जाएगा। इसी के साथ नगर निगम को हर साल 300 करोड़ तक अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकेगा।
ये भी पढ़ें: हाइकोर्ट का बड़ा आदेश, शिक्षा विभाग के शिक्षकों को मिलेगा ग्रेड-पे टैक्स अकाउंट बढ़ाने की तैयारी
भोपाल नगर निगम सीमा में प्रॉपर्टी टैक्स, वॉटर टैक्स अकाउंट की कुल संख्या लगभग साढे सात लाख है। 24 लाख की आबादी वाले शहर में नगर निगम यह मानकर चल रहा है कि 10 से 12 लाख हाउसहोल्ड और कमर्शियल प्रॉपर्टी मौजूद हैं। इनमें से आधी संख्या में ही टैक्स अकाउंट खोले गए हैं। आमदनी बढ़ाने के लिए फिलहाल नगर निगम शहर में इस पूरे वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त अकाउंट खुलवाने का अभियान चला रहा है।