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साहेब….सावरकर, सुभाष ब्रिज की भी जांच कर लो, 10 साल में ही उधड़ गए…पांच लाख रोज परेशान

ऐसे समझे ब्रिज ये करोड़ों की सडक़ें भी जांच के इंतजार में कोट्सआंबेडकर ब्रिज हाल में बना था। बाकी की जांच भी की जाएगी। हम अब सख्त कार्रवाई करेंगे, किसी को बक् शा नहीं जाएगा।

भोपालFeb 07, 2025 / 11:16 am

देवेंद्र शर्मा

  • हाल में लोकार्पित आंबेडकर ब्रिज के सरफेस की खराबी पर दो इंजीनियरों को निलंबित किया है
    भोपाल.
    लोक निर्माण विभाग के ब्रिज की गड़बड़ गुणवत्ता हाल में लोकार्पित आंबेडकर ब्रिज तक ही सीमित नहीं है। बीते दस साल में बने सुभाष फाटक पर सुभाष ओवरब्रिज, बावडिय़ा फाटक पर बाबुलाल गौर ओवरब्रिज, हबीबगंज फाटक के वीर सावकर ब्रिज और अन्य भी उधड़ गए। इनकी परत खुल गई। पेंचवर्क कर सरियों, गड्ढों को दबाने की कोशिश की जाती है, लेकिन कुछ ही दिनों में फिर वाहन चालकों के सामने दुर्घटना की स्थिति के तौर पर उभर आते हैं। सुभाष, बावडिय़ा का लोकार्पण तो अभी तीन साल के दौरान हुआ, जबकि सावरकर को नौ साल हो गए। लोक निर्माण के उच्चाधिकारियों ने आंबेडकर ब्रिज की जांच कर कार्रवाई की, यदि इन ब्रिज पर भी जांच करें तो पता चलेगा, ब्रिज पर गड़बड़ी काफी पुरानी है। ये स्थिति तब है जब इन ब्रिज पर पांचख्लाख से सात लाख रुपए प्रति मीटर की दर से खर्च किए गए हैं।
ऐसे समझे ब्रिज
  • सुभाष रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण 23 जनवरी 2022 को किया गया। अभी तीन साल का समय ही पूरा हुआ। 690 मीटर लंबे ब्रिज को बनाने में 40 करोड़ रुपए का खर्च किए। शुरुआत से ही यहां सरफेस खराब होने लगा। अब भी सीसी सरफेस कई जगह से खराब हो गया। फिसलन का डर बना रहता है।
  • बावडिय़ा रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण 14 फरवरी 2020 को किया गया। इसे अगले माह पांच साल पूरे होंगे। 850 मीटर लंबे रेलवे ओवरब्रिज को बनाने में 22 करोड़ रुपए खर्च किए गए। लोकार्पण कार्यक्रम में ही इसकी दरारों पर सवाल उठे थे। पांच साल में लगातार डामर के पेंचवर्क किए जा रहे, एंगल बाहर आने के बाद डामर चढ़ाते हैं।
  • एंप्री से गणेश मंदिर अरेरा कॉलोनी तक वीर सावरकर ब्रिज का लोकार्पण 2016 में हुआ। करीब नो साल पहले 84 करोड़ रुपए की लागत से नगर निगम ने इसे तैयार किया था। 1550 मीटर लंबे इस रेलवे ओवरब्रिज की परत उधडऩे लगी है। फिरसल बढ़ी है और थोड़ी भी चुक दुर्घटना की स्थिति बनाती है। बीते तीन साल में 550 दुर्घटनाएं यहां हुई।
ये करोड़ों की सडक़ें भी जांच के इंतजार में
  • प्रति किमी 22 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर बनाई अटल पथ टूट गई।
  • 23 करोड़ रुपए प्रति किमी की दर से बनाई स्मार्टरोड कई जगह से टूट गई। कबाड़ की तरह हो गई।
  • नर्मदापुरम रोड किनारे सर्विस रोड गड्ढा बन गई है।
  • कोलार तिराहा से नहर तिराहा चूनाभट्टी और सर्वधर्म से बैरागढ़ चिचली तक सिक्सलेन रोड अभी लोकार्पित नहीं हुई, लेकिन दरारें पडऩे लगी।
  • गुलमोहर में देवी अहिल्या देवी तिराहा से ओरा मॉल और आगे रोहित नगर, सलैया तक की चार लेन सडक़ भी टूट गई है।
  • कोलार तिराहा से मैनिट होते हुए नेहरू नगर, भदभदा की ओर जाने वाली रोड पर भी कई जगह गड्ढे उभर गए हैं।
  • साकेतनगर, बाग मुगालिया से अरविंद विहार, रचना नगर, गौतम नगर, अशोका गार्डन अस्सीफीट और संबंधित सडक़ें भी थोड़ी सी बारिश से गड्ढों में बदल गई।
कोट्स
आंबेडकर ब्रिज हाल में बना था। बाकी की जांच भी की जाएगी। हम अब सख्त कार्रवाई करेंगे, किसी को बक् शा नहीं जाएगा।
  • नीरज मंडलोई, अवर सचिव मप्र शासन

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